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[अर्थ] सत्य पदार्थ, सत्यार्थ। (स.११,१३,२२) 4. भूत चतुष्टय। (शी.२६) भूमि स्त्री [भूमि] पृथिवी, धरती। (बो.५५) भेत्ता विभेत्ता] भेद करने वाला। (पंचा.८०) भेद/भेय पुं न भेद] प्रकार,भेद । (प्रव.जे.३७,स.११०) -भास पुं [अभ्यास] नाना प्रकार का ज्ञान,भेद विज्ञान की शिक्षा। (निय.८२) भोइ वि [भोक्ता] भोगने वाला। (भा.१४७) भोग पुंन [भोग] विषय सुख,इन्द्रिय सुख । (स.२२४, निय.१६) उपभोग पुं न [उपभोग भोगोपभोग, शिक्षाव्रतों में एक व्रत। उपभोगपरिमा स्त्री [उपभोगपरिमा] वस्तु का परिमाण, सीमा। (चा.२५) -णिमित्त न [निमित्त] भोग का कारण (स.२७५) -भूमि स्त्री [भूमि] भोग-भूमि, स्थान विशेष का नाम । (निय.१६) भोत्ता वि [भोक्ता] भोगने वाला। (पंचा.२७, निय.१८) भोयण न [भोजन भोजन , आहार। (लिं.११)
मदिमृत] मरा हुआ, चैत्यशून्य। (भा.३३) मास्त्री [मति] 1. बुद्धि, मेधा, ज्ञान। (स.२७१,बो.२२) एसा दु
जा मई दे। (स.१५९) 2.मन,हृदय । (मो.४९) मइलिय वि [मलिनित] मलिन हुआ। सिविणे विण मइलियं जेहिं।
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