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रघुवंश
तदा प्रभृत्येव वनद्विपानां त्रासार्थमस्मिन्नहमद्रिकुक्षौ। 2/38 तब से शंकर जी ने जंगली हाथियों को डराने के लिए मुझे यहाँ पहाड़ के ढाल पर रखवाला बनाकर रख छोड़ा है। तदन्विता हैमवताच्च कुक्षैः प्रत्याय यावाश्रममश्रमेण। 2/67 राजा के साथ ही हिमालय की उस कंदरा से बिना थके ही आश्रम की ओर
लौटी। 2. कंदरा :-[कम्+दृ+अच] गुफा, घाटी।
कलापिनां प्रावृषि पश्य नृत्यं कांतासु गोवर्धन कंदरासु। 6/51 वर्षा के दिनों में गोवर्धन पर्वत की सुहावनी गुफाओं में पानी की फुहारों से भीगी
हुई पत्थर पर बैठकर नृत्य देखना। 3. गह्वर :-[गह+वरच्] गुफा, कंदरा।
गंगाप्रपातांत विरूढशष्पं गौरीगुरोर्गह्वरमाविवेश। 2/26 वह झट हिमालय की उस गुफा में बैठ गई, जिसमें गंगाजी की धारा गिर रही थी और जिसके तट पर घनी हरी-हरी घास खड़ी हुई थी। अथाधंकारं गिरि गह्वराणां दंष्ट्रा मयूखैः शकलानि कुर्वन्। 2/46
गुफा के अंधेरे में दाँत की चमक से उजाला करता हुआ। 4. गुहा :-[गुह+टाप्] गुफा, कंदरा, छिपने का स्थान।
तदीयमादित मार्त साधो हा निबद्धप्रतिशब्द दीर्घम्। 2/28 सिंह की झपट से नंदिनी रंभाने लगी और उसकी ध्वनि गुफा में गूंज उठी। एतावदुक्त्वा विरते मृगेन्द्र प्रतिस्वनेनास्य गुहागतेन। 2/51 इतना कहकर सिंह चुप हो गया, तब पर्वत की कंदरा से भी उसकी गूंज सुनाई पड़ी। गुहाशयानां सिंहानां परिवृत्त्यावलोकितम्। 4/72 बलवान सिंह गुफाओं में लेटे-लेटे आँखें घुमाकर रघु की सेना को देख रहे थे। ज्वलितेन गुहागतं तमस्तुहिनादेरिव नक्तमोषधिः। 8/54 जैसे रात में चमकने वाली बूटियाँ अपने प्रकाश से हिमालय की अंधेरी गुफा में भी चाँदनी कर देती हैं। व्याघ्रान भीरभिमुखोत्पतितागुहाभ्यः। 9/63 जब सिंह अपनी माँदों से निकलकर उनकी ओर झपट।
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