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कालिदास पर्याय कोश अथेश्वरेणक्रथकैशिकानां स्वयंवरार्थं स्वसुरिन्दुमत्याः। 5/39 इसी बीच में विदर्भ के राजा भोज ने अपनी बहन इन्दुमती के स्वयं वर में। काकुत्स्थमालोकयतां मनोबभूवेन्दुमती निराशम्। 6/2 जब दूसरे राजाओं ने अज को देखा, तब उन्होंने इन्दुमती को पाने की सब आशाएँ छोड़ दीं। निदर्शयामास विशेषदृश्यमिन्दुं नवोत्थानमिवन्दुमत्यै। 6/31 सुनंदा ने इन्दुमती को दूसरे राजा को दिखाया जिसका रूप और यौवन पूनो के
उठते हुए चंद्रमा के समान सुंदर था। 2. विदर्भाधिपस्वसा :-[विगतादर्भाः कुशा यतः अधिप्+स्वसा] इंदुमती।
स्वसुर्विदर्भाधिपतेस्तदीयो लेभेऽन्तरं चेतसिनोपदेशः। 6/66 सुनंदा की बातें इन्दुमती के मन में वैसे ही नहीं घर कर सकी।
इन्द्रायुध
1. इन्द्रायुध :-[इन्द्र+रन्+आयुधम्] इन्द्र का शस्त्र, इन्द्रधनुष ।
स नादं मेघनादस्य धनुश्चेन्द्रायुप्रभम्। 12/79 वैसे ही लक्ष्मण भी मेघनाथ के गर्जन और इन्द्रधनुष के समान धनुष को ले बीते। त्रिदशचाप :-इन्द्र का धनुष । केवलोऽपि सुभगो नवाम्बुदः किं पुनस्त्रिदशचाप लांछितः। 11/80 एक तो नया बादल यों ही सुन्दर लगता है, फिर यदि उसमें इन्द्रधनुष भी बन
जाय तो उसकी शोभा का कहना ही क्या। 3. त्रिदशायुध :-इन्द्र का वज्र, इन्द्र का धनुष।
अथ नभस्य इव त्रिदशायुध कनक पंगितडितगुण संयुतम्। 9/54 उस समय वे उस भादों के आसमान के समान लग रहे थे, जिसमें इन्द्रधनुष निकला हुआ हो और उसमें सोने के रंग की पीली बिजली की डोरी बंधी हो।
इन्द्रिय 1. इन्द्रिय :-[इन्द्र+घ+इय] बल, शक्ति, इन्द्रिय, शारीरिक शक्ति, ज्ञान शक्ति,
वीर्य।
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