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कालिदास पर्याय कोश 6. भरताग्रज :-[भरं तनोति :-तन् + ड + अग्रजः] 'भरत' का ज्येष्ठ भ्राता,
राम का विशेषण। अभ्यभावि भरताग्रजस्तया वात्ययेव पितृकाननोत्थया। 11/16 श्मशान से उठे हुए बवंडर के समान आकृति वाली ताड़का, राम के ऊपर टूट पड़ी। अर्घ्यमय॑मिति वादिनं नृपं सोऽनवेक्ष्य भरताग्रजो यतः। 11/69 दशरथ जी अभी कहते ही रह गए कि आपके सत्कार के लिए यह अर्ध्य है कि उसने अपनी टेढ़ी चितवन से राम को देखा। त्वां प्रत्यकस्मात्कलुषप्रवृत्तावस्त्येव मन्युर्भरताग्रजे मे। 14/73 राम ने तुम्हारे साथ जो यह भद्दा व्यवहार किया है, इसे देखकर मुझे उन पर बड़ा
क्रोध आ रहा है। 7. रघुनंदन :-[लंघति ज्ञानसीमानं प्राप्नति :-लंघ् + कु, न लोपः, लस्य रः +
नंदनः] राम के विशेषण। इत्यादृतेन कथितौ रघुनंदनेन व्युत्क्रम्य लक्ष्मणमुभौ भरतो ववन्दे। 13/72 आदर के साथ राम के इतना कहने पर भरतजी ने लक्ष्मण को छोड़कर पहले
उन्हीं दोनों का स्वागत किया। 8. रघुनाथ :-[लंघति ज्ञानसीमानं प्राप्नंति :-लंघ् + कु, न लोपः; लस्य रः +
नाथः] राम के विशेषण। रघुनाथोऽप्यगस्त्येन मार्गसंदर्शितात्मना। 15/54 वैसे ही राम को मार्ग में अगस्त्य ऋषि भी मिले। शासनाद्रघुनाथस्य चक्रे कारापथेश्वरौ। 15/90 राम की आज्ञा से अपने दोनों पुत्रों को कारापथ का राजा बना दिया। रघुपति :-[लंघति ज्ञानसीमानं प्राप्नति :-लंघ् + कु, न लोपः, लस्य र: + पतिः] राम के विशेषण। रघुपतिरपि जातवेदो विशुद्धं प्रगृह्य प्रियां प्रिय सुहृदि विभीषणे संगमप्य श्रियं वैरिणः। 12/104 राम ने रावण की राज्यश्री विभीषण को सौंप दी और फिर सीताजी को अग्नि में शुद्ध करके। भूयस्ततो रघुपतिर्विलसत्पताक मध्यास्त कामगति सावरजो विमानम्।
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