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रघुवंश
इस प्रकार नागराज कुमुद ने त्रिलोकीनाथ विष्णु के सच्चे पुत्र कुश को अपना संबंधी बनाकर और कुश ने भी नागराज तक्षक के पाँचवें पुत्र कुमुद को सम्बंधी
बना लिया। 2. त्रिलोकनाथ :-[त्रि + लोकम् + नाथ] राम, विष्णु के विशेषण।
त्रैलोक्यनाथ प्रभवं प्रभावात्कुशं द्विषामंकुशमस्त्रविद्वान्। 16/81 त्रिलोकीनाथ राम के पुत्र तथा शत्रुओं को अंकुश के समान दुःख देने वाले राजा कुश को, मान से उठा हुआ अपना सिर नवाकर कुमुद ने प्रणाम किया। दशमुखरिपु :-[दंश + कनिन् + मुखः + रिपुः] राम का विशेषण। सीतां हित्वा दशमुखरिपुर्नोपयेमे यदन्यां तस एव प्रतिकृत सखोन्यत्क्रतूनाजहार। 14/87 राम ने सीता को त्यागकर किसी दसरी स्त्री से विवाह नहीं किया। वरन् अश्वमेध
यज्ञ करते समय, उन्होंने सीताजी की सोने की मूर्ति को ही अपने बाएँ बैठाया। 4. दाशरथि :-[दशरथ + अण, इञ् वा] दशरथ का पुत्र, राम।
सोऽहं दाशरथिर्भूत्वा रणभूमेर्बलिक्षमम्। 10/44 इसलिए मैं राजा दशरथ के यहाँ जन्म लेकर, उसके सिरों को उतार कर रणभूमि को भेंट चढ़ाऊँगा। स्थाणुदग्धवपुषस्तपोवनं प्राप्य दाशरथरात्तकार्मुकः। 11/13 जिस तपोवन में शिवजी ने कामदेव को भस्म किया था, वहाँ सुंदर शरीर वाले राम, धनुष उठाए हुए पहुंचे। एको दाशरथिः कामं यातुधाना सहस्रशः। 12/45 राम अकेले थे और राक्षस सहस्रों थे। एतावदुक्तवति दाशरथौ तदीयमिच्छ विमानमधिदेवतया विदित्वा। 13/68 जब राम ऐसा कह रहे थे, उसी समय राम की इच्छा को ही विमान का चालक
मानकर, वह विमान आकाश से नीचे उतर आया। 5. पौलस्त्यशत्रु :-[पुलस्तेः अपत्यम् :-पुलस्ति + यञ् + शत्रुः] रावण का शत्रु
राम। उपनतमणिबन्धे मूर्ध्नि पौलस्त्यशत्रोः सुरभि सुरविमुक्तं पुष्पवर्षं पपात।
12/102 जिस राम पर राज्याभिषेक का जल छिड़का जाने वाला था, उन्हीं के सिर पर देवताओं ने सुगंधित फूल बरसाए।
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