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कालिदास पर्याय कोश
2. अधिपति : - [ अधि + पा + क, डति वा] शासक, राजा, प्रधान । किमत्र चित्रं यदि कामसूर्भूर्वृत्ते स्थितस्याधिपतेः प्रजानाम् । 5/33 धर्मात्मा राजाओं के लिए यदि पृथ्वी उनकी इच्छा के अनुसार धन दे तो कोई अचरज नहीं है।
सा शूरसेनाधिपतिं सुषेणमुद्दिश्य लोकान्तर गीतकीर्तिम् । 6/45
तब सुनन्हा, राजकुमारी को मथुरा के उस राजा सुषेण के आगे ले गई सिजीक कीर्ति स्वर्ग के देवता भी गाते थे ।
3. अधिराज :- [ अधि + राज् + क्विप्, राजन् + टच् वा ] सम्राट्, राजा, प्रधान । प्रियंवदात्प्राप्तमसौ कुमारः प्रायुंक्त राजस्वधि राजसूनुः । 7/61
तब महाराज रघु के पुत्र, कामदेव के समान सुन्दर, सावधान अज ने प्रियंवद का दिया हुआ ।
4. अवनिपति : - [ अब् + अनि, पक्षे ङीष् + पतिः ] भूस्वामी, राजा । हरिरिव युगदीघैर्दोर्भिरंशौस्तदीयैः पतिरवनिपतीनां तैश्चकाशे चतुर्भिः ।
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जैसे रथ के जुए के समान अपनी लम्बी-लम्बी चार भुजाओं से विष्णु भगवान् शोभा देते हैं, वैसे ही राजा दशरथ भी अपने चार सुयोगय पुत्रों से सुशोभित हुए। 5. अर्थपति : - [ ऋ + थन् + पतिः] धन का स्वामी, राजा ।
अर्थ्यामर्थपतिर्वाचमाददे वदतां वरः । 1/59
राजा दिलीप जहाँ धनपति बने थे, वहाँ बातचीत करने की कला में बड़े चतुर थे। इसलिए वशिष्ठ जी के उत्तर में बड़ी अर्थ भरी वाणी में कहा । भूयः स भूतेश्वरपार्श्ववर्ती किंचिद्विहस्यार्थपतिं बभाषे । 2/46 उजाला करता हुआ कुछ हँसकर वह सिंह राजा से बोला । बलनिषूदनमर्थपतिं च तं श्रमनुदं मनुदण्ड धरान्वयम् । 9 / 3 दूसरे हैं मनुवंशी राजा दशरथ, जिन्होंने सुकर्मियों को धन देकर उनका पालन पोषण किया ।
स नैषधस्यार्थ पतेः सुतायामुत्पादयामास निषिद्ध शत्रुः । 18 / 1 शत्रुओं का नाश करने वाले राजा अतिथि की रानी निषध - राज की पुत्री थीं। 6. अवनिपाल : - [ अव् + अनि, पक्षे ङीष् + पालः] भूस्वामी, राजा । अथ पथि गमयित्वा क्लृप्तरम्योपकार्ये कतिचिदवनिपालः शर्वरी शर्वकल्पः । 11/93
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