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रघुवंश 2. सैनिक :-[सेनायां समवैति ठक्] सिपाही, योद्धा।
तयोरुपान्तस्थितसिद्ध सैनिकं गरुत्मदाशी विषभीम दर्शनैः। 3/57 ऊपर देवता और नीचे रघु के सैनिक इस अचरज भरे युद्ध को देख रहे थे। निमेषमात्रा दवधूय तद्व्यथां सहोत्थितः सैनिक हर्षनिः स्वनैः। 3/61 किन्तु क्षणभर में ही वे संभलकर उठ खड़े हुए और उनके साथ ही उनके सैनिकों
की जय जयकार भी आकाश में गूंज उठी। विशश्रमुर्न मेरुणां छायास्वध्यास्य सैनिकाः। 4/74 और रघु के सैनिक भी वहाँ नमेरु के वृक्षों के तले बैठकर सुस्ताने लगे।
रंध
1. रंध्र :-[रध् + रक्, नुमागमः] विवर, छेद, गर्त, दरार।
स कीचकैर्मारुत पूर्ण रंधैः कूजद्भिरापादितवंशकृत्यम्। 2/12 उन वन-देवताओं के साथ वे बाँस भी मधुर बाँसुरी बजा रहे थे, जिनके छेदों में
वायु भर जाने के कारण मधुर स्वर निकल रहे थे। 2. विवर :-[वि + वृ + अच्] दरार, छिद्र, रंध्र ।
यच्चकार विवरं शिलाघने ताडकोरसि स रामसायकः। 11/18 राम के उस बाण ने पत्थर की चट्टान के समान कठोर ताड़का की छाती में जो छेद किया।
रक्ष 1. असुर :-[असु + र, न सुरः इति न०त० वा] दैत्य, राक्षस, दानव।
दिलीपसूनोः स बृहद् भुजान्तरं प्रविश्य भीमासुरशोणितोचितः। 3/54 बड़े-बड़े राक्षसों का रक्त पीने वाले उस बाण ने रघु की छाती में घुसकर वहाँ का रक्त बड़े चाव से पिया। कृतप्रतिकृतप्रीतैस्तयोर्मुक्तां सुरासुरैः। 12/94 जब राम बाण चलाते या रावण का बाण रोकते, तब देवता उन पर और जब राम पर रावण प्रहार करता या उनका वार रोकता, तब असुर उस पर फूलों की वर्षा
करते। 2. क्रव्याद् :-[क्लव् + यत्, रस्य ल: + अद्] राक्षस, पिशाच।
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