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कालिदास पर्याय कोश उस खीर में सारे ब्राह्मण्ड को संभालने वाले विष्णु भगवान बैठे हुए थे, इसलिए
वह दिव्य पुरुष भी उस कटोरे को बड़ी कठिनाई से संभाल पा रहा था। 2. पुरुष :-[पुरि देहे शेते-शी+ड पृषो० तारा०, पु+कुषन्] नर, मनुष्य, मर्द।
केवलं स्मरणेनैव पुनासि पुरुषं यतः। 10/29 आपके स्मरण मात्र से ही लोग पवित्र हो जाते हैं। पुरुषः प्रबभूवाग्नेविस्मयेन सहविजाम्। 10/50 यज्ञ की अग्नि में से एक पुरुष प्रकट हुआ, जिसे देखकर यज्ञ करने वाले सभी ऋषि बड़े अचरज में पड़ गए।
पुरोग 1. ककुद :-[कस्य देहस्यः सुखस्य वा कुं भूमि ददाति-दा+क] मुख्य, प्रमुख।
इक्ष्वाकु वंश्यः ककुदं नृपाणां ककुत्स्थं इत्याहित लक्षणोऽभूत्। 6/71 देखो इक्ष्वाकु वंश में, राजाओं में श्रेष्ठ और सुंदर लक्षणों वाले एक ककुत्स्थ नाम
के राजा हुए हैं। 2. पुरोग :-[पूर्व+असि, पुर आदेशः+ग] मुख्य, अग्रणी, प्रमुख।
ज्याघात रेखे सुभुजो भुजाभ्यां बिभर्ति यश्चापभृतां पुरोगः। 6/55 धनुषधारियों में तो इनसे बढ़कर कोई है ही नहीं। इनकी भुजाओं पर जो दो काली-काली रेखाएँ, धनुष की डोरी खींचने से बन गई हैं। स किंवदन्तीं वदतां पुरोगः स्ववृतमुद्दिश्य विशुद्ध वृत्तः। 14/31 सदाचारी और शत्रु विजयी राम ने अपने भद्र नाम के दूत से पूछा-कहो भद्र!
हमारे विषय में प्रजा क्या कहती है। 3. प्रवीर :-अग्रणी, उत्तम, सर्वश्रेष्ठ।
तस्यै प्रतिश्रुत्य रघुप्रवीरस्तदीप्सितं पार्श्वचरानुयातः। 14/29 रामचन्द्र जी ने कहा- अच्छी बात है। वहाँ से उठकर वे अपने सेवकों के साथ। अथेतरे सप्त रघुवीरा ज्येष्ठं पुरोजन्मतया गुणैश्च। 16/1
लव आदि सात रघुवंशी वीरों ने सबसे बड़े भाई को मुखिया बनाया। 4. प्रागहर :-मुख्य, प्रधान।'
तथेति तस्याः प्रणयं प्रतीतः प्रत्यग्रहीत्यागहरो: रघूणाम्। 16/23 कुश ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और कहा-ऐसा ही करेंगे।
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