________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रघुवंश
167 आवृण्वतो लोचनमार्गमाजौ रजोऽन्धकारस्य विजृम्भितस्य। 7/42 आँखों के आगे अंधेरा छा देने वाली और युद्ध भूमि में फैली हुई धूल के अंधियारे में। कुवलयित गवाक्षां लोचनैरंगनानाम्। 11/93 सुन्दर स्त्रियाँ की आँखें झरोखों में कमल के समान दिखाई पड़ रही थीं। विडंव्यमाना नवकंदलैस्ते विवाह धूमारुण लोचनश्रीः। 13/29 उससे कंदलियों की कलियाँ खिल उठी और वैसे ही लाल-लाल हो गईं जैसे विवाह के समय हवन का धुआँ लगने से तुम्हारी आँखें लाल हो गई थीं। तत्रसेक हृत लोचनांजनैधौत राग परि पाटलाधरैः। 19/10 जल में स्नान करने से उन स्त्रियों की आँखों का अंजन छूट जाता था और ओठों
पर लगी हुई लाली धुल जाती थी। 7. विलोचन :-[वि+लोच्ल्यु ट्] आँख।
विलोचनं दक्षिणमंजनेन संभाव्य तद्वंचितवामनेत्रा। 7/8 दाईं आँख में तो आँजन तो लगा चुकी थी, पर बाईं आँख में आँजन लगाए विना
ही।
ही यंत्रणामानशिरे मनोज्ञामन्योन्यलोलानि विलोचनानि। 7/23 वे कनखियों से एक दूसरे की ओर देखते थे और आँखें चार होते ही एक दूसरे को देखकर, लज्जा से आँखें नीची कर लेते थे। मन्यते स्म पिवतां विलोचनैः पक्षमपातमपि वंचनांमनः। 11/36 ऐसे मगन होकर अपनी आँखों से उनका रूप पी रहे थे, कि पलकों का गिरना भी उन्हें बड़ा अखर रहा था। व्यापारयंत्यो दिशि दक्षिणस्यामुत्पक्ष्मराजीनि विलोचनानि। 13/25 तब वे अपनी उठी हुई पलकों वाली आँखें दक्षिण दिशा की ओर करके, मुझे मार्ग समझाने लगी थीं। अथाधिक स्निग्ध विलोचनेन मुखेन सीता शरपांडुरेण। 14/26 धीरे-धीरे सीता जी के नेत्रों की शोभा बढ़ने लगी और उनका मुख पके सरपत के समान पीला पड़ने लगा। तद्वध्नतीभिर्मदराग शोभां विलोचनेषु प्रति मुक्तमाशाम्। 16/59 उसके बदले में मदपान के समय की लाली इनकी आँखों में भर दी है।
For Private And Personal Use Only