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कालिदास पर्याय कोश धीरे-धीरे रानी सुदक्षिणा के शरीर में उस गर्भ के लक्षण दिखाई देने लगे जो इस बात के प्रमाण थे कि अब इक्ष्वाकुवंश नष्ट नहीं होगा, बराबर चलता रहेगा।
दुम 1. अनोकह :-[अनसः शकटस्य अकं गतिं हन्ति-हन्+ड] वृक्ष ।
पृक्तस्तुषारैर्गिरिनिर्झराणामनोकहा कंपित पुष्पगंधी। 2/13 पहाड़ी झरनों की ठंडी फुहारों से लदा हुआ और मंद मंद कँपाए हुए वृक्षों के फूलों की गंध में बसा हुआ वायु। वृन्ताच्छ्लथं हरति पुष्पमनोकहानां संसृज्यते सरसिजैरुरुणांशुभिन्नैः। 5/69 प्रातः काल का पवन वृक्षों की शाखाओं पर झूलने वाले ढीले कोर वाले फूलों को गिराता हुआ, सूर्य की किरणों से खिले हुए कमल को छूता हुआ चल रहा
है।
2. तरु :-[तृ+उन्] वृक्ष।
मुनिवन तरुच्छायां देव्या तया सह शिश्रिये। 3/70 राजा दिलीप ने देवी सुदक्षिणा के साथ तप करने के लिए जंगल की राह ली। ताम्रोदरेषु पतितं तरुपल्लवेषु निधौत हारगुलिका विशदं हिमाम्भः। 5/70 हार के उजले मोतियों के समान निर्मल ओस के कण वृक्षों के लाल पत्तों पर गिरकर वैसे ही सुंदर लग रहे हैं। पदवीं तरु वल्कवाससां प्रयताः संयमिना प्रपेदिरे। 8/11 नियम से पेड़ की छालों का वस्त्र पहननेवाले संन्यासियों के समान जंगल में चले जाते थे। कुसुमसंभृतया नवमल्लिका स्मितरुचा तरुचारुविलासिनी। 9/42 वहाँ वृक्षों की सुंदरी नायिका नवमल्लिका लता लाल-लाल पत्तों के ओठों पर फूलों की मुसकान लेकर। ग्रथितमौलिरसो वनमालया तरुपलाश सवर्ण तनुच्छदः। 9/51 उनके केशों में वनमाला गुंथी हुई थी, वे वृक्ष के पत्तों के समान गहरे रंग का कवच पहने हुए थे। तस्य जातु मरुतः प्रतीपगा वत्मर्स ध्वजतरुप्रमाथिनः। 11/58 एक दिन मार्ग में सेना के ध्वजरूपी वृक्षों को झकझोरने वाले वायु ने सारी सेना को व्याकुल कर दिया।
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