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कालिदास पर्याय कोश स हत्वा लवणं वरीरस्तदा मेने महौजसः। 15/26 शत्रुघ्नजी जब लवणासुर को मार चुके, तब उन्हें यह संतोष हुआ कि अब मैं
तेजस्वी। 2. तरस :-[तृ+असुन्] वीर्य, शक्ति, ऊर्जा।
सामन्तसंभावनयैव धीरः कैलासनाथं तरसा जिगीषुः। 5/28 रघु ने सोचा कि उसी रथ पर चढ़कर मैं अकेला ही महाप्रतापी कैलास के स्वामी कुबेर को छोटे से राजा के समान सहज में जीत लूँगा। तिष्ठतु प्रधनमेवमप्यहं तुल्य बाहुतरसा जितस्त्वया। 11/77 यदि तुम इतना भी कर लोगे, तो मैं समझेंगा कि तुम मेरे ही समान बलवान हो
और मैं इतने से ही हार मानकर लौट जाऊंगा। 3. बल :-[बल्+अच्] सामर्थ्य, शक्ति, ताकत, वीर्य, ओज।
विद्धि चात्तबल मोजसा हरेरैश्वरं धनुरभजि यत्त्वया। 11/76 तुम्हें यह समझ रखना चाहिए कि शिवजी के जिस धनुष को तोड़कर तुम ऐंठ रहे हो, उसकी कठोरता तो विष्णुजी ने पहले ही हर ली थी।
तस्कर 1. तस्कर :-[तद्+कृ+अच्,सुट्, दलोपः] चोर, लुटेरा।
व्यावृत्तायत्पर स्वेभ्यः श्रुतौ तस्करता स्थिता। 1/27 राजा दिलीप का अपने राज्य में ऐसा दबदबा था कि चोरी का शब्द केवल कहने-सुनने को ही रह गया था, उस राज्य में कोई भी किसी का धन नहीं चुरा
पाता था। 2. दस्यु :-[दस्+पुच्] चोर, लुटेरा, उचक्का ।
श्वगणिवागुरिकैः प्रथमा स्थितं व्यपगतानलदस्युविवेशसः। 9/53 तब वे उस जंगल में पहुँचे, जहाँ पहले से ही जाल और शिकारी कुत्ते लेकर उनके सेवक पहुँच चुके थे, वहाँ न तो अग्नि का भय था, न चोरों का।
ताड़का 1. ताड़का :-[तङ्:णिच्+ण्वुल्+टाप्] एक राक्षसी, सुकेत की पुत्री, सन्द की
पत्नी, मरीच की माता, ताड़का।
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