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कालिदास पर्याय कोश ऋषियों के चले जाने पर राम ने उनको विदा किया, जो अयोध्या में इतने आनंद
से रहे कि उन्हें पता ही न चला कि आधा मास कब बीत गया। 2. तपोनिधि :-[तप्+असुन्+निधिः] धर्मप्राणव्यक्ति, संन्यासी, तपस्वी।
विधेः सायंतनास्यान्ते स ददर्श तपोनिधिम्। 1/56 जब संध्या की सब क्रियाएँ हो चुकीं, तब उन्होंने उन तपस्वी महामुनि वशिष्ठ को देखा। संयोक्ष्यसे स्वेन वपुर्महिम्ना तदेत्यवोचत्स तपोनिधिर्माम्। 5/55 तब प्रसन्न होकर उस तपस्वी ने कहा, तब तुम्हें फिर से अपना वास्तविक शरीर प्राप्त हो जावेगा।
तम
1. अंधकार :-[अन्ध्+अच्+कारः] अंधेरा। - आवृण्वतो लोचनमार्गमाजौ रजोऽन्धकारस्य विजूंभितस्य। 7/42
आँखों के आगे अंधेरा छा देने वाली और युद्ध भूमि में फैली हुई धूल के
अंधियारे में। 2. अंधतम :-[अन्ध+अच्+तमः] गहन अंधकार, पूरा अंधेरा।
लोकमंधतमसात्क्रमोदिती रश्मिभिः शशि दिवाकारा विवा। 11/24 जैसे सूर्य और चंद्रमा बारी-बारी से अपनी किरणों से पृथ्वी का अंधेरा दूर करते
3. तम :-[तम्+असुन्] अन्धकार, अंधेरा।
यावत्प्रतापनिधिराक्रमते न भानुरहाय तावदरुणेन तमो निरस्तम्। 5/71 सूर्य के उदय होने के पहले ही उनका चतुर सारथी अरुण संसार से अंधेरे को भगा देता है। ज्वलितेन गुहागतं तमस्रुहिनादेरिव नक्तमोषधिः। 8/54 जैसे रात में चमकने वाली बूटियाँ अपने प्रकाश से हिमालय की अंधेरी गुफा में
चाँदनी कर देती हैं। 4. तमिस्त्र :-[तमिस्रा+अच्] काला, अंधकार।
सूर्ये तपत्यावरणाय दृष्टेः कल्पेत लोकस्य कथं तमिस्रा। 5/13 जैसे सूर्य के रहते हुए संसार में अंधेरा नहीं ठहर पाता।
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