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भगना
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आँगना स० क्रि० (गाडी) जवी;
'ओंगना'
आँगा वि० [ सं . अवाक् ] मूगुं; मूक औंगी स्त्री० मूगापणं; चूपकी औघ ( - घा) ना अ० क्रि० 'ऊँघना'; ऊंघमा झोकुं खावं.
भाँघाई स्त्री० ऊंघनं झोकुं आँजना अ० क्रि० 'ऊचना'; अकळावुं औंठ स्त्री० किनार; कांठो जड़ा वि० (स्त्री० -ड़ी) ऊंडुं औंधना अ० क्रि० ऊंधुं थवं; ऊलटावु
(२) स० क्रि० उलटाववु
आँधा वि० (स्त्री० - धी ) ऊंधुं. आँधी खोपड़ीका = मूर्ख; जड. औंधे मुँह गिरना = बरोबर फसावुं (२) भूल करवी
औंधाना स० क्रि० 'औंधना' नुं प्रेरक मौक़ात पुं० [अ. 'वक्त' नुं ब०व० ] समय; बखत ( २ ) स्त्री० शक्ति; गजुं. - बसर करना = जीवननिर्वाह करवो भोगी स्त्री० दोरीनो कोरडो (२) बळदनो परोणो (३) जानवरन फसाववा माटे करातो खाडो औगुन पुं० ( प. ) अवगुण औघड़ पुं० [सं. अघोर ] (स्त्री - ज़िन) अघोरी पंथनो माणस ( २ ) मनस्वी; मोजी माणस (३) वि० ओघड; अवघड; विचित्र [अनोखं औघर वि० अवघड; विचित्र ( २ ) भौचक अ० अचानक; एकाएक
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ओ
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औपन्यासिक
औचट अ० 'औचक'; अचानक ( २ ) अजाणमां; भूलमां (३) स्त्री० उचाट; सांड; मुली
औचित वि० ( प. ) निश्चित; बेफिकर औचित्य पुं० [सं.] उचितता; योग्यता औज पुं० [अ०] ऊंचाई (२) प्रताप; तेज; ओजस
औजड़ वि० ( प. ) अनाडी औजार पुं० [अ.] ओजार औझड़ ( - र) अ० लगातार; निरंतर औटना स० क्रि० उकाळवु (२) अ क्रि० ऊकळवु
औटाना स० क्रि० उकाळवं औढर वि० गमे तेम ढळी जाय एवं; ढोचका जव
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औथरा वि० ( प. ) छछरूं; 'उथला' औदार्य पुं० [सं.] उदारता औद्योगिक वि० [सं.] उद्योग संबंधी औध पुं० ( प. ) अवध; अयोध्या औष, -घि स्त्री० ( प. ) अवधि; सीमा औना पौना वि० अर्धपोणं; थोडं घणुं
(२) अ० ओछुवत्तुं करीने. औने पौने करना = जेटलं मळे तेटलामां वेची देव; फटकारी मारखुं औपचारिक वि० [सं.] उपचार संबंधी (२) केवळ उपचार पूरतुं औपनिवेशिक वि० [सं.] उपनिवेश - संस्थान विषेनुं
औपन्यासिक वि० [सं.] उपन्यास - नवलकथा विधेनुं (२) अद्भुत ( ३ ) पुं० नवलकथाकार