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भाईबंद
भालक भाईबंद पुं० सगोसंबंधी; नातभाई (२) भादों, -दौं, -द्र, -द्रपद [सं.] पुं० भाईबंध; मित्र
भादरवो महिनो भाई-बिरादर पुं० नातभाई. -री स्त्री० । भान पुं० भानु; भाण; सूर्य (२) [सं.] नात के स्वजननो समूह
प्रकाश (३) भान; खबर; प्रतीति भाउ,-ऊ पुं० (प.) भाव; हेत; प्रेम भानजा पुं० (स्त्री० -जी) भाणेज भाखना सक्रि० (प.) भाखवू; कहेवू भानमती स्त्री० जादुगर स्त्री. -का भाखा स्त्री० (प.) भाषा
पिटारा=नकामी भरकूस भाग पुं० [सं.] भाग;हिस्सो(२)भागाकार। भाना अ०क्रि० भाववू; गमवं (२) भाग पुं० (प.) भाग्य (२) कपाळ (३) मालूम पडQ; लागq (३) शोभq सवार; प्रातःकाल
भानु पुं० [सं.] सूर्य भागड़, भागदौड़ स्त्री० भागवूते;भंगाण; । भाप,-फ स्त्री० वराळ; बाष्प 'भगदर'
भाभी स्त्री० भाभी; भोजाई भागना अ०क्रि० भागवू; दोडवू; नास, भामा,-मिनी स्त्री० [सं.] स्त्री (२) भागनेय, भागिनेय पुं० [सं.] भाणो क्रोधी स्वभावनी स्त्री [मूल्य भागी पुं०[सं.] भागियो; भागीदार (२) । भाय पुं० (प.) भाई (२) भाव; वृत्ति; -नो हकदार; अधिकारी
भायप पुं० भाईचारो भाग्य पुं० [सं.] नसीब [संख्या भाया वि० प्रिय; प्यारं भाजक पुं० [सं.] भागाकारमा भाजक भार पुं० [सं.] बोजो; वजन (२) भाजन पुं० [सं.] वासण; पात्र (२) जवाबदारी -ने योग्य; पात्र (समासमां)
भारत पुं० [सं.] महाभारत ग्रंथ (२) भाज्य पुं० [सं.] भागवानी रकम (२) । हिंद देश. -ती स्त्री० वाणी; भाषा. वि० भागवा योग्य
-तीय वि० भारत देशन के संबंधी भाजी स्त्री० शाकभाजी; तरकारी भारी वि० भारे. -भरकम = मोटुं ने भाट पुं० भाट; चारण (२) खुशामतियो भारे; भारेखम (३) स्त्री० नदी, भालु के किनारो के भार्या,-र्या स्त्री० [सं.] स्त्री; पत्नी तेनो पट
भाल पुं० [सं.] कपाळ (२) (प.) भालो भाटा पुं० ओट; भरतीथी ऊलटुं (३) 'भालू'; रीछ भाड़ पुं० भाडभंजानी भठ्ठी. -झोंकना भालना सकि० भाळवू; बरोबर जोवू;
= नकामा के तुच्छ काममां वखत तपासवू ('देखना' साथे प्रायः वपराय काढवो [(२) नकामुं छे.)
चलावी जाणनार भाड़ा पुं० भा. भाडेका टटू क्षणिक भाला पुं० भालो. ०बरदार पुं० भालो भात पुं० खावानो- रांधेलो भात भाली स्त्री० भालानुं फळ; भालोडियु भाथा पुं० तीरनो भाथो
(२) शूळ; कांटो भाथी स्त्री० धमण
भालु (०क), ल,-लूक पुं० रीछ ।
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