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भोर
भाव भाव पुं० [सं.] होवू ते; हस्ती (२) मननो भाव-ख्याल, विचार, अभिप्राय मतलब (३) भाव; दर; किंमत (४) हेत; स्नेह; आदरमान भावज स्त्री० भाभी भावताव पुं० भावताल भावना स्त्री० [सं.] भाव; विचार; ख्याल (२) इच्छा (३) (प.) अ.क्रि० भाववं; गमवू; फावQ; 'भाना' भावार्थ पुं० [सं.] सार; मतलब भाविक वि० [सं.] भावनाप्रधान; भावुक भावी स्त्री० [सं.] भविष्य काळ (२)
नसीब (३) वि० थनारु भावुक वि० [सं.] जुओ 'भाविक' भाषण पुं० [सं.] व्याख्यान (२) वात
चीत; बोलवू ते भाषांतर पुं० [सं.] अनुवाद; तरजुमो भाषा स्त्री० [सं.] बोली; वाणी. -धी वि० बोलनार (समासने अंते) भाष्य पुं० [सं.] विस्तृत विवरण के समजूती
कल्पना भास पुं० [सं.] प्रकाश (२) ख्याल; भासना अ०क्रि० भास; लागवू; देखावू
(२) प्रकाश भास्कर पुं० [सं.] सूर्य (२) अग्नि (३)
दिवस (४) वि० प्रकाश भिंगा (-जा)ना सक्रि०जुओ 'भिगाना' भिडी स्त्री० भींडो-शाक भिक्षा स्त्री० [सं.] भीख. ०र्थी पुं० भिखारी. - (०क) पुं० भिखारी
(२) संन्यासी भिखमंगा पुं० भिखारी; भीख मागनार भिखार, -री पुं० भिखारी. -रिणी,
-रिन स्त्री० भिखारण
भिगा(-गो)ना, भिजवना स० क्रि०
भिजाव: पलाळवं भिजवाना सक्रि० मोकलाववं भिजा(-जो)ना सकि०जुओ 'भिगाना' भिड़ स्त्री० भमरी; 'वर' भिड़ना म०कि० टक्कर खावी (२)लडq
(३) भिडावं; साथे सार्थ लागी जवं भितरिया पुं० भितरियो(वैष्णव मंदिरनो) भितल्ला वि० भीतर- (२) ० अस्तर भित्ति स्त्री० [सं.] भीत (२) भूमिका भिदना अ०क्रि० भेदावं; छेदा; घायल __थq (२) घूसी जवू भिनकना अ०क्रि० बमणवू; गगणवं (२) घृणा थवी
[वमणवू भिनभिनाना अ० कि० 'भिनकना'; भिन (-नु) सार पुं० प्रभात; सवार भिनही अ० सवारे [अलग भिन्न पुं० [सं.] अपूर्णांक (२) वि० जुदु: भियना अ०क्रि० (प.) भय पामवू; डर भिलनी स्त्री० भीलडी; भील स्त्री भिलवाँ पुं० भिला, भिल्ल पुं० [सं.] भील भिश्त (-स्त) स्त्री० बेहेस्त; स्वर्ग भिश्ती,-स्ती पुं० भिश्ती भिषक् पुं० [सं.] वैद भिस्त स्त्री० जुओ 'भिश्त' भिस्ती पुं० जुओ 'भिश्ती' भींग(-ज)ना अ०क्रि० जुओ 'भीगना' भी अ० पण. जेम के, 'मैं भी' हुंय, हुँ पण (२) स्त्री० [सं.] भय भीख स्त्री० भीख; मागवू ते भीग(-ज)ना अ०क्रि० भींजावू; पलळवू भीटा पुं० ऊंची टेकराळी जमीन । भीड़ स्त्री० भीड; गिरदी (२) संकट
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