________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स.टी. तांश्चखादाथ चामुण्डा पपौ तस्य च शोणितम्। देवी शूलेन वचे मा बाणेरसिभि ऋष्टिभिः // 56 // जघान रक्तबीजं तं चामुण्डापीतशोणितम् / स.पपात महीपृष्ठे शस्त्रसङ्घसमाहतः // 60 // नौरक्तश्च महीपाल ! रक्तवीजो महासुरः / ततस्ते हर्षमतुलमवापुस्विदशा नृप ! // 61 // तेषां माटगणो जातो नन मृङ् मदोद्धतः // 62 // इति मार्कण्डेयपुराणे सावर्णिके मन्वन्तरे देवीमाहात्मा रक्तवीजबधो नाम अष्टमोऽध्यायः // 8 // असिभिरित्यत्र रेफलोपश्छान्दसः // 58 // 6 // 61 // 62 // इति गुप्तवत्यां मन्त्र व्याख्यायामष्टमोऽध्यायः // 8 // For Private and Personal Use Only