________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनगारधर्मामृतषिणी टीका अ० ७ धन्यसार्थवाहचरितनिरूपणम् १९९ 'खुड्डाग ' क्षुलकं कयार ' केदार क्षेत्रं क्यारा, इति भाषा प्रसिद्धं 'सुपरि कम्मियं ' सुपरिकर्मित शाल्यक्षतवपनयोग्यं करेह ! कुरुत, कृत्वा च 'इमे' इमान् पञ्चशील्यक्षतान 'वावेह ' वपत प्ररोहार्य क्षेत्र प्रक्षिपत, उप्त्वा क्षेत्रो वपनं कृत्वा द्वितीयमपि तृतीयमपि वारं ' उक्खयनिहए ' उत्खातनिहतान् क्षेने जातान पुनस्तान् वर्धनाथ द्वित्रिवारम्-उत्पाटय अन्यत्र क्षेत्र समारोपितान् ‘करेह' कुरुत एकस्मात् स्थानादन्यस्थाने रोपयत ‘करित्ता' कृत्वा-रोपयित्वा, 'वाडिपडिक्खेवं ' वाटिकापरिक्षेपं = प्राकाराकारेण वाटिकां कुरुत कृत्वा संरक्षन्त, संगोपायन्त आनुपूर्त्या अनुक्रमेण 'संवदेह' संवर्धयत । सुरिकम्मियं करेह.) हे देवानुप्रियो ! तुम लोग इन पांच शालि अक्षतो को लो-और लेकर जब सर्व प्रथम वर्षाकाल के प्रारम्भ में जलराशि रूप अप्काय महा वृष्टिरूप से भूमि पर गिरे तो उस समय तुम छोटी सी एक क्यारी में शालि अक्षतों को योने के योग्य करो ( करित्ता इमे पंच सालि अक्खए वावेह वावित्ता दोच्चपि तच्चपि उक्खय निहए करेह, करित्ता वाडिपक्खेवं करेह करित्ता सारवखेमाणा संगोवेमाणा अणुपुब्वेणं संबड्वेह ) जब वह क्यारी अच्छी तरह से परिकर्मित हो जावे तो उसमें इन पांच शालि अक्षतों को तुम लोग बो दी। ... ___घोकर दुबारा तिघारा उन्हे उत्खात निहत करो-अर्थात् जब वे खेत में-क्यारी में-अंकुररूप से उत्पन्न हो जावे तब उन्हें वृद्धिंगत करने के लिये वहां से उखाड़ो और फिर दूसरी जगह-क्यारी में उन्हें आरोपित करो। इस तरह दो तीन बार करो। करके फिर उस खेत को वाड़ी से परिवृत करो-प्राकार के आकार जैसी कांटो की बाड़ से હે દેવાનુપ્રિયે ! તમે આ પાંચ શાલિકણે છે અને વર્ષાકાળ ના પ્રારંભમાં અપૂકાયમહાવૃષ્ટિ રૂપે જળ વૃષ્ટિ થાય ત્યારે તમે નાની સરખી એક કયારી २ मा शासि वी शत शते योग्य नाव, (करित्ता इमे पंच सालि अक्खए वावेह वावित्ता दोच्चापि तच्चापि उक्चइ निहए करेह, करित्ता वाडि पक्खेव करेह करिता सारखेमाणा संगोवेमाणा अणुपुट्वेण सवडूढेह) यारी જ્યારે સરસ રીતે તૈયાર થઈ જાય ત્યારે તેમાં આ પાંચે શાલિકણેને વાવજો.
વાવીને બીજી અને ત્રીજી વખત ઉખાત નિયત કરે એટલે કે જ્યારે શાલિકણે કયારીમાં છ મી જાય ત્યારે તેઓના વર્ધન માટે તે સ્થાનેથી ઉપાડીને ફરી બીજે સ્થાને છે. આ પ્રમાણે તમે બે ત્રણ વખત કરે આમ કરીને તમે તે શાલિકણવાળી કયારીની ચેમેર કાંટાઓની વાડ બનાવે. આ
For Private And Personal Use Only