________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir महापराक्रमी युद्ध देखीने हळ मुसळ लेइने नीमसेन उपर मुकता हवा. 15 ॥श्लोक // तेनछिन्नंशिरोतस्यनितंरुधिरंमहत् // तेनहलेनसोहृदयेपीडितोऽ. पतत्॥ 16 // टिका-तदनंतर हळ प्रहारबडे करीने भिमना मस्तकमांथी, रुधीर प्र वाह स्त्रवतों थको पृथ्वी उपर पडी जाय छे, एटलुज नही, पण अत्यंत पिडा पामेछे. 16 ॥श्लोक // पुनश्चउत्थितोनूमौमुशलंप्रमुमोचह ॥आगतंत्वरितंहस्तेगृहीतंपांडु सूनुना // 17 // टिका. एटलामांवळी पृथ्वी उपरथी भिम गठ्यो, के त्वरित पार्छ / मुशल बळदेवजीये फेंक्युं, तेतो आवतांज भिमसेने झाली लीधुं, ए रीते परस्पर युद्व करे छे. 17 लोक॥ तदादश्चरामश्चपदातिशागतोरणे // लग्नश्चभीमसेनवैबाहुयुद्धप्र कुर्वतु // 18 // टीका॥ते समय तो बळराम महाक्रधातुर थइने, रणस्थलमां, बाहुए भूजा ठोकता थका, बाहु युद्ध वर्तछे. 18 ॥श्लोक // उभौतौमदिरामत्तोमहारोषणदंशितौ // तयोयुद्धमनूद्राजंसर्वलोकन यंकरं // 19 // टिका- बन्ने जण मदोन्मत्तपणावडे करीने दांत पिसता थका लढ्यां / करेछे, एवू नयंकर युद्ध भासेछे. 19 For Private and Personal Use Only