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उरःक्षत - चिकित्सा - ग़रीबी नुसते ।
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तोले भर, रात के समय, थोड़े-से पानी में भिगो दो और सवेरे ही मल- छान-: कर रोगी को पिला दो। इस नुसनेसे अन्तमें ज़रूर फायदा होता है । (१४) गिलोय एक तोले और अड़ सेकी पत्तियाँ १ तोले- इन दोनोंको औटाकर छान लो और फिर सम्म अरबी ८ माशे पीसकर मिला दो और पिलाओ। इस नुसखे से भी ख़ून थूकना बन्द हो जाता है ।
(१५) ८० माशे चूके के बीज, पुराना धनिया ८ माशे, कतीरा ४ माशे, सम्मग़ अरबी ४ माशे, सहजना ४ माशे और माजूफल ४ माशे - इनको पीस कूटकर टिकिया बना लो। इनमें से आठ माशे खानेसे खून थूकना बन्द हो जाता है ।
नोट- अगर रोगीको दस्त भी लगते हों और दस्त बन्द करनेकी ज़रूरत हो, तो इस नुसख़ में अढ़ाई रत्ती 'शुद्ध अफ़ीम' और मिला देनी चाहिये ।
( १६ ) सम्म अरबी, मुलतानी मिट्टी और कतीरा - बराबरबराबर लेकर महीन पीस लो । फिर इसमें से सात माशे चूर्ण खशस्त्राश और अदरखके रसमें मिलाकर पीओ । इस उपाय से भी ख़ून थूकना आराम हो जाता है ।
(१७) असेकी सूखी पत्ती ६ माशे महीन पीसकर और शहद में मिलाकर खानेसे मुँहसे ख़ून थूकना अवश्य आराम होता है । परीक्षित है ।
नोट - अगर अड़ सेकी पत्तियाँ गीली हों, तो १ तोले लेनी चाहियें | (१८) पानी में पीसी हुई गोभी चार माशे खानेसे खून थूकना आराम होता है । इससे ख़ूनकी क्रय भी बन्द हो जाती है ।
(१६) थोड़ी-थोड़ी अफीम खानेसे भी ख़ून थूकना बन्द हो जाता है । नोट – तोरई, कद्द ू, पालकका साग, खुरफा, लाल साग, छिले हुए मसूर, कचनार और उसकी कोंपलें – ये सब खून थूकनेको बन्द करते हैं ।
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(२०) संग - ज़राहत, ज़हर - मुहरा, सफ़ेद कत्था, कतीरा, सम्म अरबी, निशास्ता, सफेद खशनाश, ख़तमीके बीज और गेरू - प्रत्येक
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