________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चिकित्सा-चन्द्रोदय । (१२) मुल्तानी मिट्टी पानीमें भिगो दो। फिर उसका नितरा हुआ पानी दिनमें कई बार पीओ।
(१३) सूखा और पुराना धनिया एक हथेली-भर औटा लो और छानकर पीलो।
(१४) कचनारकी कली, हरा गूलर, खुरफेका साग, मसूरकी दाल और पटसनके फूल--इन सबको पकाकर लाल चाँवलोंके भातके साथ खाओ।
(१५) अनारकी छाल औटाकर एक तोले-भर पीओ।
(१६) गधेकी लीद सुखाकर और पोटलीमें बाँधकर योनिमें रखो। . (१७) छै माशे गेरू और ६ माशे सेलखड़ी एकत्र पीसकर पानीके साथ फाँको।
(१८) छै माशे मालतीके फूल और ६ माशे शकर मिलाकर फाँको । (१६) बैंगनकी कोंपलें पानी में घोट-छानकर पीओ।
(२०) शुद्ध शङ्ख, जीरा और मिश्री बराबर-बराबर लेकर पीसछान लो। इसमेंसे ६ माशे रोज़ खानेसे खून गिरना बन्द हो जाता है । परीक्षित है।
(२१) सूखी बकरीकी मैंगनी पीसकर और पोटलीमें रखकर उस पोटलीको गर्भाशयके मुखके पास रखो। अगर इसमें थोड़ा-सा "कुन्दर" भी मिला दो, तो और भी अच्छा । . (२२) सात हारसिंगारकी कोंपलें और सात कालीमिर्च पानीमें पीस-छानकर पी लो।
(२३) भुना जीरा और कच्चा जीरा लेकर और लाल चाँवलोंके बीचमें पीसकर भगमें रखो। इससे फौरन खून बन्द हो जाता है। परीक्षित है।
(२४) रसौत १ माशे, राल १ माशे, बबूलका गोंद १ माशे और सुपारी २॥ माशे,-इनको सिलपर पानीके साथ पीसकर एक
For Private and Personal Use Only