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स्त्रीरोगोंकी चिकित्सा-पैर जारी होनेका इलाज। ५२३ ऐसे खूनको बन्द करनेके लिए लिखते हैं । अगर योनिसे खून गिरता हो, तो नीचेके नुसत्रों से किसी एकसे काम लोः
(१) छातियोंके नीचे सोंगी लगाओ। (२) बकायनकी कोंपलोंका एक तोले स्वरस पीओ।
(३) कपासके फूलोंकी राख हथेली-भर, नित्य, शीतल जलके साथ फाँको।
(४) कुड़ेकी छाल सात माशे कूट-छानकर और थोड़ी चीनी मिलाकर पानीके साथ फाँको ।
(५) मसूर, अरहर और उड़द--तीनों दो तोले और साँठी चाँवल एक तोले--चारोंको जलाकर राख कर लो। इसमेंसे हथेली-भर राख सवेरे-शाम फाँकनेसे योनिसे खून बहना, पैर चलना या पैर जारी होना बन्द हो जाता है।
(६) जले हुए चने, तज और लोध--बराबर-बराबर लेकर पीस लो और फिर सबकी बराबर चीनी मिला दो। इसमेंसे हथेली-हथेलीभर फाँको।
(७ ) रालको महीन पीसकर और उसमें बराबरकी शक्कर मिलाकर फाँको। ___(८) छोटी दुद्धीको कूट-छानकर रख लो और हर सवेरे उसमें से हथेली-भर फाँको।
(६) असगन्धको कूट-पीस और छानकर रख लो। फिर उसमें बराबरकी मिश्री पीसकर मिला दो। उसमेंसे एक तोले दवा शीतल जलके साथ रोज़ फाँको।
(१०) बबूलका गोंद भून लो। फिर उसमें बराबरका गेरू मिला दो और पीस लो। उसमें से ७॥ माशे दवा हर सवेरे फाँको। ... (११) हारसिंगारकी कोंपलें जलके साथ सिलपर पीसकर, भाँगकी तरह पानीमें छानकर पी लो ।
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