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उटंगन
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स्त्री-रोगोंकी चिकित्सा-बाँझका इलाज ।
४॥ माशे अजवायन
. ... ... ४॥ ,, कमलगट्टा
. ... ... जायफल
४॥ " ... ... गजकेशर
... "
... कायफल
४॥ , साँच पथरी
... ... ४॥ ,
... ... ... २२॥ ,, इनको कूट-पीस और छानकर रख लो। सवेरे ही गायके घी और शहदके साथ रोज खाओ। ईश्वर-दयासे गर्भ रहेगा। पथ्यदूध-भात । १ मास तक अपथ्य पदार्थ त्यागकर दवा खाओ। (६५) निर्गु एडी
__२४ तोले जायफल लजवन्ती जावित्री ईसबगोल मगजी शतावर शिलाजीत (शुद्ध) ...
२ तोले सबको कूट-पीस और छान लो, फिर ५ सेर गायके दूधमें औटाओ; जब सूखकर चूर्ण-सा हो जाय, तब तोलकर दवासे दूनी मिश्री मिला दो। फिर एक सेर गायका घी और ४ तोले बंगेश्वर मिला दो। जब सब एक दिल हो जायँ, सुपारीके बराबर रोज़ १ या २ महीने तक खाओ। अपथ्य-खट्टा, मीठा, चरपरा । इसके सेवन करनेसे, ईश्वर-कृपासे, १० मासमें बालक होगा।
(६६) अबीध मोती आधा, मूंगा आधा और जायफल आधाइन सबको पीसकर अगर बाँझ तीन दिन पीती है, तो गर्भ रह जाता है।
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५ माशे
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