________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७०
चिकित्सा-चन्द्रोदय । अनेक ज़हरीले जानवर रहते और विष त्यागते हैं। वह विष आपके कपड़ों या शरीरमें लगकर आपको अनेक रोगोंमें फंसा देगा। अगर वह कपड़ों या आपके शरीरसे न लगेगा, तो साँस द्वारा आपके शरीरमें घुसेगा । फिर धीरे-धीरे आपकी जीवनी-शक्तिका नाश करके आपको मार डालेगा। .. (७) हमेशा धोबीके धुले साफ कपड़े पहनो। अगर उनपर ज़रासा भी दाग़ या नीले-पीले रोगसे बहते दीखें, तो आप उन्हें स्वयं साबुनसे धोकर पहनो। सबसे अच्छा तो यही है कि, आप रोज धुले हुए कपड़े पहनें । अँगरेज़ लोग ऐसा ही करते हैं। आजका कपड़ा कल धुलवाकर पहनते हैं । अंग्रेज अफसर तो धोबियोंको नौकर रखते हैं। ___(८) अपने घरमें रोज़ गन्धक, लोबान या कपूरकी धूनी दिया करो, जिससे विषैली हवा निकल जाय और अनेक विषैले कीड़े भी भाग जाय । जैसे:
(क) छरीला और फिटकरीकी धूआँसे मच्छर भाग जाते हैं। (ख) गन्धक या कनेरके पत्तोंकी गन्धसे पिस्सू भाग जाते हैं । (ग) हरताल और नकछिकनीकी धूआँसे मक्खियाँ भाग जाती हैं।
(घ) गन्धककी धूआँ और लहसनसे बरं या ततैये भाग जाते हैं। ' (ङ) अफीम, कालादाना, कन्द, पहाड़ी बकरीका सींग और
गन्धक-इन सबको मिलाकर धूनी देनेसे समस्त कीड़े- मकोड़े भाग जाते हैं।
(६ ) ताज़ा या गरम जलसे रोज स्नान किया करो। अगर पानीमें थोड़ा-सा कपूर मिला लिया करो, तो और भी अच्छा; क्योंकि कपूरसे प्रायः सभी कीड़े नष्ट हो जाते हैं। विष नाश करनेकी शक्ति भी कपूर में खूब है। पहलेके अमीर कपूर के चिराग़ इसी ग़रजसे जलकाते थे। कपूरकी आरतीका भी यही मतलब है । इनसे विषैली हवा निकल जाती और अनेक प्रकारके कीड़े घर छोड़कर भाग जाते हैं। चन्दन, कपूर और सुगन्धवालाका शरीरपर लेप करना भी बड़ा
For Private and Personal Use Only