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बिच्छू-विष-नाशक नुसख्ने ।
२६९ साथही, अरीठे महीन पीसकर बिच्छूके काटे हुए स्थानपर लगाने भी चाहियें। अगर अरीठे चिलममें रखकर तमाखूकी तरह पिये भी जायें, तब तो कहना ही क्या ? परीक्षित है।
(५) लहसनका रस तीन तोले और शहद तीन तोले -दोनोंको मिलाकर, बिच्छूके काटेको, तत्काल, पिलानेसे अवश्य आराम होता है।
(६) जरा-सा जमालगोटा पानीमें पीसकर बिच्छूके काटे आदमी के नेत्रोंमें आँजो । साथ ही, काटी हुई जगहपर भी जमालगोटा पीसकर मलो।
नोट-एक या दो जमालगोटे पानी में पीसकर, काटे स्थानपर लगा देनेसे भयंकर बिच्छूका विष भी तत्काल शान्त हो जाता है। परीक्षित है।
(७) तितलीके पत्तोंका स्वरस, थोड़ा-थोड़ा, कई बारमें, पिलानेसे बिच्छू और साँप दोनोंका विष उतर जाता है।
नोट-तितलीके पत्तोंका रस काटे हुए स्थानपर लगाना भी ज़रूरी है।
(८) कसौंदीका फल भूनकर खिलानेसे भी बिच्छूका विष उतर जाता है।
नोट-कादीके बीज, पानीके साथ पीसकर, काटे हुए स्थानपर लगाने चाहिये । परीक्षित है।
(६) एक चिलममें मोर-पंख रखकर, ऊपरसे जलते हुए कोयले या बिना धुएँ का अङ्गारा रखकर, बिच्छूके काटे आदमीको तमाखूकी तरह पिलाओ । अवश्य जहर उतर जायगा । परीक्षित है।
नोट-साथ ही मोरपंखको धीमें मिलाकर काटे हुए स्थानपर उसकी धूनी भी दो । बड़ी जल्दी आराम होगा।
(१०) “जैरुल तिजारब" नामक पुस्तकमें लिखा है, अगर बिच्छूका काटा हुआ आदमी बीस अङ्क उल्टे गिने, तो बिच्छूका पहर उतर जाय।
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