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॥ आतम नीर्मल कीजीये, जिम पामी जे सिववास
|| एम चोवीस जिन समरतां ए, पोचे मननी आश ॥ अमीकुमर एणी परे भणे, पामे लील वीलास ॥५॥ इति चैत्यवंदन ॥
॥ अथ वीस विहरमाननु चैत्यवंदन ॥ पहेला श्रीमंधर नमो, बीजा जुगमंधर ॥ बाहुजिन त्रिजा नमो, सुबाहु सुखकार ॥१॥ सुजात जीन पंचमा, स्वयंप्रभु जिन छठा।। रुषभानन जिन सातमा, अनंतवीरज जिन दीठा ॥ २ ॥ सुरप्रभु नवमा नमो, दशमा देवविसाल ॥ वज्रधर जिन ग्यारमा, चंद्रानन दयाल ॥ ३ ॥ चंद्रबाहु जिन तेरमा, चउदमा भुजंगनाथ ॥इश्वरस्वामी पनरमा, नेमी प्रभुनो करो साथ ॥ ४ ॥ वीरसेन जिन सतरमा, महानद्र जिनराज ॥ देवजसा ओगणीसमा, अजितवीरज महाराज ॥५॥ जंबुद्वीपे च्यार जिन, घातकीखंडे आठ ॥ पुष्कराई आठ जिन; नमतां होय नित ठाठ ॥ ॥ ६ ॥ ए वीसे जिन वंदीए, विहरमान जगदीस ॥ पूजो प्रणमो प्रेमशुं, धरो ध्यान निस दीस ॥७॥ धन
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