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जो अमने कोई लेखवारे लो,तो आडं अवलं मत दाखवोरे लो॥ हठ करी बेठा तुमेरे लो,खोटी थाइये छे अमेरे लो,॥९१॥हुं आव्यो धरती भरीरे लो, तो किम जाउं पाछो फरिरे लो॥ सा मेघे मन चिंतव्यु रे लो, अति ताएयु किम परवरेरे लो ॥ ९२ ॥ काजल साथे चालियोरे लो, भूदेशरमा आवीयोरे लो॥ नमण विसायु तिहांकणेरे लो, भावी वस्तु आवी बनेरे लो॥ ९३ ॥
॥ ढाल ॥ ११ कंबल मत चाले ॥ ए देशी ॥ नात जमाडी आपणी, देइने बहु मान ॥ वरकन्या परणावीयां, दीधां बहुलां दान ॥ ९४ ॥ काजल कहे नारीभणी, मेघासुं अम भेलां ॥ जमण देजो विष भेलिने, जिमतां दूधज वेलां ॥ ९५ ॥ दूधतणी छे आखमी, तुमने करीश हुँ रीस ॥ मेघाने मेलवो नहि, जमण तव ते प्रीस ॥ ६॥ तव नारी कहे पिउजी, मेघाने मत मारो ॥ कुलमां लंछन लागसे, जासे पंच. माकारो ।। ९७ ॥ काजल ते माने नहि, नारी कहीने हारी ॥ मन भांग्यु मोति त्रुटयुं, तेहने न लागे कारी ॥ ९८॥ एम शीखवी निज नारिने, जमवाने बेउ
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