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किम आवीयेरे लो, ते जाणो निरधाररे ॥ १०॥३॥ मेघासाना सहु साथमारे लो, पुत्रकलत्र परिवाररे ॥ च०॥ मरगादे साथे लेइ करीरे लो, तेडी आव्या परिवाररे ॥१०||८४॥ कहे काजल मेघो किहारे लो, इहां न आव्यो शामाटरे ॥च०॥ किम मेघा विण चालशेरे लो, नाततणी सवि वातरे ॥च०॥५॥
॥ ढाल ॥१०॥ कहे जक्ष मेघाभणीरे लो, ता. हरे हवे आवी बनीरे लो, काजल आवशे तेडवारे लो, कुड करी तुज छेडवारे लो ॥६॥ तुं मत जाजे तिहां कणेरे लो, झेर दइ हणशेरे लो ॥ तेड्या विण जाए नहिरे लो, नमण करी लेजे सहिरे लो ॥ ८७॥ धमाहे देशे खरुरे लो, नमण पीधे जासे परुरे लो॥ ते माटे तुझने घऍरे लो, माने वचन सोहामणुरे लो ॥॥ जक्ष कही गयो तेहवेरे लो, काजलशा आव्यो तेहवे रे लो॥ कहे मेघाने सांभलोरे लो, आवो मेली मन आमळोरे लो ॥ ८९ ॥ तुम आव्या विण केम सरेरे लो, नातमां शोभा केणिपरेरे लो॥ तम सरिखा आवे सगारे लो, तो मन थाये उमंगोरे लो ॥ए॥
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