________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुद्धातिनी केसरं ॥ कहे० ॥ ४ ॥ श्री सर्वार्थ सकल ज्ञायक हरिभद्र अरिहंतए, मगधाधिष जितेंद्र वंदो श्रीप्रयच्छ गुणवंतए ॥ अक्षोभ मवसिंहनाथ दिनरुक धनंद पोषद जयकरं ॥ कहे० ॥ ५॥ श्रीपलंब चारित्रनिधि जिन प्रशमराजित ध्याइए, स्वामीश्री विपरीतदेव अहोनीश प्रसाद प्रेमे गाइए ॥ अघटितज्ञानी ब्रह्मेद्र प्रभु ऋषभचंद्रजी अघहरं ॥ कहे० ॥ ॥६॥ दयांत दाता जगत केरो अभिनंदन रत्नेशए, सामकोष्ट मरुदेव नायक अतिपार्श्व विशेषए ॥ नमो नंदिषेण व्रतधर श्रीनिर्वाणी दुःखहरं ॥ कहे ॥ ॥७॥ सौंदर्यज्ञानी त्रिविक्रम जिन नारसिंह नमो तुमे. खेमंत संतोषित अरीहा कामनाथथी दुःख समे ॥ मुनिनाथने श्रीचंद्रदाहए दिलादित उदयकरं ॥ कहे०॥८॥ श्रीअष्टाहिक वाणिग बंदो उदयज्ञान आराधिये, तमोकंदने सायकाद स्वामीखेमंत शिवसुख साधिये ॥ निर्वाणीने रविराज साहिब प्रथम नाथ परमेश्वरं ॥ कहे० ॥९॥ श्रीपरुरवास अवबोध जगगुरु विक्रमेंद्र वखाणीए, श्रीस्वसांति हरिनंदिकेशने
For Private And Personal Use Only