________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
डिमा ए शाश्वती, नित्य नित्य करूं जुहार ॥८॥ त्रण भुवन माहे वली ए, नामादिक जिन सार ॥ सिद्ध अनंता वंदिए, महोदय पद दातार ॥९॥ इति ॥
____ अथ मौन एकादशी- चैत्यवंदन,
विश्वनायक मुक्तिदायक नमि नेमि निरंजनं, हर्षधरी हरी पूछे प्रभुने, भाखो आतम हितकरं ॥कुण दिवस एवो वरसमाहे अल्प सुकृत बहुफले, कहे नेउ जिननां हुआं कल्याणक मौन अग्यारसी सुखकरं ॥ ॥१॥ केवलि महाजस सर्वानुभूति श्रीधरनाथए, नमि मन्त्री श्री अरनाथ स्वामी साचो शिवपुर साथए ॥ श्री स्वयंप्रभ देवश्रुत अरहंत उदयनाथ जिनेश्वरं, कहे नेउ जिननां हुआ कल्याणक मौन अग्यारसी सुखकरं ॥२॥ अकलंक कर्म कलंक टाले, शुजकरं समस सदा; सप्तनाथ बलेंद्र जिनवर श्रीगुणनाथ नमु मुदा ॥ गांगिकनाथ श्री सांप्रति मुनिनाथ विशिष्ठ अतिवरं ॥ कहे०॥ ३ ॥श्रीमृदु जिनजी जगतवेत्ता व्यक्त अरिहा वंदीए, श्री कलासत आरण ध्याता सहज कर्म निकंदीए ॥ जोग अजोगश्री परमप्रभुजी
For Private And Personal Use Only