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रागकर्मन्
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राजगृहं
वर्ण, रंग, रंजक वस्तु।
रागायास्वादित (वि०) राग को प्रकट करने वाला, लालिमा ०लालिमा, लाल रंग।
या स्नेह व्यक्त करने वाला। (जयो० १२/१३५) प्रेम, प्रणयानन्द।
रागार्थ (वि०) अनुरञ्जनार्थ। (जयो० ८/२७) ०हर्ष, आनन्द।
रागिषि (वि०) रक्तवर्णा, रागयुक्ता। (जयो० ६/६४) स्वैरिणी, क्रोध, रोष।
पुंश्चली। प्रियता, सौन्दर्य।
रागित्वं (वि०) राग से परिपूर्ण, अनुराग सहित। (सम्य० ११०) ०खेद, शोक
रागिन् (वि०) [रग+इनि] रंगीन, रंगा हुआ। ०लालच, ईर्ष्या।
प्रेमपूर्ण, स्नेहिला माया-लोभ-हस्स-रदि-तिवेदाणं दव्वकम्मोदयजणिदपरिणामो ०कामासक्त, स्वेच्छाचारी। रागो (धव० १२/२८३)
प्रेमी, स्नेही। प्रीतिलक्षणो रागः। (जैन०ल० ३५७)
स्नेहशील, अभिलाषी। लोहितत्त्व, लालिमा। (जयोवृ० ११/५७)
राघवः (पुं०) [रघोर्गोत्रापत्यम्] रघुवंशी, रघु की संतान। गान्धार राग। (जयो० ११/५७)
राज् (अक०) चमकना, शोभित होना, (सुद० १२४) जगमगाना ० भैरवी मल्हार आदि राग। (वीरो० १६/१२)
रराज (जयो० ३/१९) देदीप्यमान होना। स्वयम्वरीभूततमा रागकर्मन् (वि०) आसक्तिजन्य कर्म वाला।
रराज मुक्तिश्रिय:श्रीजिनदेवराज। (वीरो० १२/३९) 'रराज रागकारिन् (वि०) अनुराग शील।
मातुरुत्सङ्गे महोदारविचेष्टित' (वीरो० ८/८) 'वर्षेण रागखण्डं (नपुं०) प्रेमांश। ०अनुराग, आसक्ति।
पूर्णोद्दारिणी रराज' (वीरो०६/२) राजते (जयो० ३/३७) रागचूर्णः (पुं०) खैरवृक्षा
राज् (पुं०) राजा, नृप, युवराज। रागज (वि०) राग को उत्पन्न करने वाला।
राजकः (पुं०) [राजन्+कन्] राणा, राजा, नृप। रागतरु (पुं०) राग रूपी वृक्षा (सम्य० १४७) ०खैर। राजकं (नपुं०) राजाओं का समूह। रागद (वि०) रागोत्पत्ति वाला। (वीरो० ६/३३)
राजकरः (पुं०) राजशुल्क। रागद्रव्यं (नपु०) रंग, लेप।
राजकार्य (नपुं०) राज्य का काम। (दयो० ६५) राग-द्वेष (वि०) राग और द्वेष युक्त।
राजकन्या (स्त्री०) राजकुमारी, राजपुत्री। (दयो० ११०) राग-द्वेषरहित (वि०) राग-द्वेष से रहित। (सुद०७०) राजकुमारः (पुं०) युवराज, राजपुत्र। रागनिवाहिनी (पुं०) राग संधारिणी। (जयो० ८/३३) राजकुमारी (स्त्री०) राजपुत्री। (दयो० १०८) रागपादः (पुं०) रक्तवर्ण वाले चरण।
राजकीय (वि०) राजकार्य सम्बंधी, राजपरिवार से सम्बंधित। रागपादपः (पुं०) रक्तिमवृक्ष।
(जयो० २८/२) रागबन्धः (पुं०) राग से बन्ध।
प्रशासकीय, शासकीय, राजसत्ता से सम्बंधित। रागभावः (पुं०) राग परिणाम।
(जयो० वृ० २८/१) रागमंद (वि०) राग की मंदता।
राजकीयसदनं (नपुं०) राजभवन, राजप्रासाद। (जयो०४/२६) रागयुज् (पुं०) लाल।
राजकुलः (पुं०) राजवंश, क्षत्रियकुल। रागयोगः (पुं०) अनुराग का संयोग।
राजकलोचितः (०) राजवंश के अनकल। (वीरो० ६/५) रागरञ्जित (वि०) राग से अनुरक्त। (दयो० १८)
राजगणः (पुं०) चन्दकुटुम्ब। (जयो० ११/९१) रागरुष (वि०) प्रणयविद्वेष। (जयो० २४/२५)
राजगामिन् (वि०) राज्याधीन। रागसम्पादक (वि०) प्रीतिकर, रतिकर। (जयो०० ३/१२) | राजगोपालः (पुं०) राजगोपालाचार्य। (जयो० १८४८३) रागसभागः (पं०) प्रीतिभाव-'गान्धारादिगीतस्य प्रीतिभावस्य | राजगहं (नपं०) शासकीय निवास. राजभवन। च सुभागस्य। (जयो० ११/५७)
राजगृह नामक, क्षत्रिय कुल के प्रसिद्ध शासक सिद्धार्थ रागसूत्रं (नपुं०) रंगीन सूत्र।
कुल का एक गणराज्य।
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