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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुभतर १०७९ . . . ) शभतर (वि०) अच्छे से अच्छा, श्रेष्ठतर। (सम० ९/१९) शुभदः (पुं०) बट वृक्षा शुभदंती (स्त्री०) सुंदर दांतों वाली, चमकीले दांतों वाली। शुभदानं (नपुं०) प्रशस्तदान, योग्यदान। शुभपरिणामः (पुं०) शुभ भाव, शुभफल अच्छे परिणाम। (मुनि० २५) शभपरिणामिन् (वि०) सुवविपाकिन, अच्छे विपाक वाला। (जयो० ४/३४) शुभफल-जनक (वि०) सुपरिणाम-लक्षण युक्त। (जयो० २/६) शुभभक्त (वि०) कल्याणकारी भक्त। (जयो० २/१५८) शुभभावः (पुं०) प्रशस्त परिणाम, अच्छे भाव। (समु०५/१५) देवतामनुवभूव मुदा वैडूर्यनाम्नि खपदे शुभभावैः। (समु० ३/१५) शुभभावनाकरी (वि०) अच्छी भावना आने वाला, प्रशस्त भावना युक्त। (सुद० ११६) पाटलिपुत्रेऽभवद् व्यन्तरी प्राक् कदापि शुभभावनाकरी। (सुद० ११६) शुभयोगः (पुं०) प्रशस्त योग। (जयो० १२/६३) प्रशस्तपुण्यं शुभयोगभावाच्छुवोपद्येगेन भवेत् स्वा वा। (जयो८/३०) शुभयोगवशः (पुं०) भाग्योदयवश। (जयो० २३/३०) शुभलक्षणं (नपुं०) उत्तम लक्षण, योग्य चिह्न। (सुद० ३/१) सुहुवे शुभलक्षणं सुतं रविमैन्द्रीव हरित्सतीतु तम्। (सुद०३/१) शुभलग्नः (पुं०) शुभलग्नं (नपु०) शुभ मुहूर्त, मंगल बेला, अच्छा अवसर। शुभ्रयशस् (पुं०) धवलकीति, स्वच्छ प्रभा। (जयो० ६/२९) शुभवती (स्त्री०) शुभशीला। (जयो० १६/६२) शुभवार्ता (स्त्री०) शुभ समाचार, अच्छे विचार। शुभवासनः (पुं०) सुगन्ध। शुभशंसिन् (वि०) शुभदायक, कल्याण सूचक, प्रशस्त प्रतिपादक। शुभस्थली (स्त्री०) पूजास्थली, प्रशस्त स्थान, धर्मानुष्ठान युक्त शुभा (स्त्री०) [शुभ+टाप्] प्रशस्ता, शुभयुक्त। (जयो० १५/१४) कान्ति, प्रभा, प्रकाश। ०सौन्दर्य, गोरोचन, पीलारंग। शमीवृक्ष, ०देवसभा, पियंगुलता। शोभनाङ्ग। (जयो० १८/१०३) शुभाक्षः (पुं०) शिव।। शुभांग (वि०) सुंदर, रमणीय, प्रशस्त अंगों वाली। शुभाङ्गी (स्त्री०) सुंदर स्त्री, कामिनी। ०रति, कामदेव की पत्नी। शुभाचार (वि०) सद्गुणी, सदाचरण वाला। सदाचारी। शुभाभिवादिन (वि०) सद्गुणों का अभिवादन करने वाला। (समु०८/२८) शुभनना (स्त्री०) मनोरमा, रम्या स्त्री। शुभाया (स्त्री०) सुंदर गृहिणी, नि:शंकितगृहिणी। (जयो० २२/) शुभाशंसन् (स्त्री०) आशी:। (जयो० ३/१४३) आशी, आशीर्वाद। (जयो० १६/२) 'कस्यात्मन आशी: शुभाशंसनं वर्तते। (जयो० ३/३०) शुभाशंमनं (नपुं०) शुभाशीर्वाद, मंगल कामना। (जयो०१० ३/३०) शुभाशंसा (स्त्री०) आशीष, शुभ-कामना। शुभाशिर्वादः (पुं०) शुभाशंसन् शुभकाना, मंगल आशीष। (समु० ३/९) शुभाश्री (स्त्री०) शुभार्शिवाद, शुभकामना, शुभहृदया, प्रशस्त कामना। (वीरो० १४/७) शुभाशयवाली। (वीरो०१४/५३) अच्छी कामना वाली। (जयो०वृ० १२/१५) मातर्वयस्यैः सह यामि, देशान्तरं शुभाशीर्भवतात्तु ते सा। (समु० ३/१२) शुभाश्रमं (नपुं०) शुभ कर्मों का आना। (जयो० ३/४) शभाकर्कनशर (वि०) शुभ कारण से। (सुद० ४/१८) शुभोपयोगः (पुं०) शुभ कर्मों का उपयोग। प्रशस्त पुण्य का उदय। (समु०८/) शुभोगपयोगी (वि०) प्रशस्त परिणाम वाला। (समु०८/३७) शुभ्र (वि०) [शुभ्+रक्] श्वेत, धवल, सफेद। उज्जल, कान्तिमय। शुभ्रः (पुं०) श्वेत रंग। चन्दन। शुभ्रं (नपुं०) रजत, चांदी। ०अभ्रक, ०कपास। स्थान। शुभहृदया (वि०) शुमाशी। (वीरो० १४/७) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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