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द्वितीयातिथि:
५०५
द्विवेशरा
द्वितीयातिथि: (स्त्री०) दूज। (जयो०वृ० ५/१०६)
द्विपदिका (स्त्री०) पक्षी। द्वितीयाप्रतिमा (स्त्री०) दूसरी प्रतिमा,
द्विपदी (स्त्री०) दो पद युक्त, पक्षी। द्वितीयाश्रमः (०) गृहस्थाश्रम! (दयो० ६५)
द्विपवृन्दः (पुं०) हस्तिकरि। (जयो० १३/४८) द्वितीयिन् (वि०) [द्वितीय इनि] दूसरे स्थान पर अधिकार द्विपाद्यः (पुं०) दुहरा। किए हुए।
द्विपायिन् (पुं०) हस्ति, हाथी। द्वितीयेऽञ्चतिः (स्त्री०) करणानुयोग। द्वितीयेकरे पुस्तकमञ्चति- द्विपेन्द्रः (पुं०) हस्ति, हाथी, करि। (जयो० १३/९६) गजराज करणानुयोगः (जयो० १९/२६)
द्विपानां इन्द्रो-गजराजः (जयो० ७/४१) द्वितीयोपशमसम्यक्त्वः (पुं०) मोह के उपशम से उत्पन्न
द्विपेन्द्रवन्दं (नपुं०) हस्ति समूह। द्विपानां हस्तिनां वृन्दं । सम्यक्त्व।
(जयो० १३/१०९) द्वितीयो लम्बः (पुं०) दूसरा लम्ब, चम्पूकाव्य के दूसरे
द्विप्रहरं (नपुं०) दोपहर, मध्याह्न काल (जयो० १३/६८) अध्याय का नाम।
द्विबिन्दु (स्त्री०) विसर्ग। (:) द्वित्र (वि०) दो तीन बार।
द्विभुजः (पुं०) कोण। द्वित्रिंश (वि०) बत्तीसवां।
द्विभूम (वि०) दो माले का भवन, दो मंजिला, भवन। द्विदण्डि (अव्य०) डंडे से डंडा।
द्विमातृ (पुं०) गणपति। द्विदन्त-दन्तः (पुं०) गजदन्तपर्वत। द्विदन्तदन्तान् स्म स वन्दते
द्विमातृजः (पुं०) गणपति। ___मुदामुदार-वक्षारगिरीनुताश्रयः। (जयो० २४/१४)
द्विमात्रः (पुं०) दीर्घ स्वर-आ, ई, ऊ, ए, ओ, औ। द्विदलं (नपुं०) दो दल वाले चना, उड़द, मूंग आदि। अन्नेन
द्विमार्गी (स्त्री०) पगडंडी, छोटा रास्ता, पैदल चलने का रास्ता। नाधुर्द्विदलेन साकमामम्। (जयो० १३०) 'दना तक्रेण वा
द्विमुखा (स्त्री०) जोंक। मिश्रं द्विदलञ्च न भक्षयेत्' (हित० ४६)
द्विरः (पुं०) भ्रमर, भौंरा। द्विदलान्नं (नपुं०) दो दल वाले अन्न, दाल विशेष, उड़द, मूंग
द्विरतः (पुं०) हस्ति, हाथी, गज। (वीरो० ४/४१, जयो० चना, मसूरादि। 'मसूरो नाम द्विदलान्नभेद:' (जयोवृ०
१३/१०२) (समु० २/१६) १२/१२६) द्विदलान्नभुक्तिः (स्त्री०) दालादि का सेवन। 'दुरेषातः
द्विरसनः (पुं०) सर्प, नाग, अहि। पणकादिभुक्तिः क्षीरेण दध्ना द्विदलान्नभुक्तिः। अकारि
द्विरात्रं (नपुं०) दो रात्र। रात्रावशनाय चेतः सम्प्रार्थ्यते नाथ! मृषा क्रियेत।। (भक्ति०४४)
द्विरूप (वि०) दो रूप वाला। द्विदश (वि०) १. बीस, २. द्वादश, बारह।
द्विरेतस् (पुं०) खच्चर, टट्टू। द्विदशी (स्त्री०) चंद्र पक्ष की १२वीं तिथि।
द्विरेफ: (पुं०) भ्रमर, भौंरा। (वीरो० ४/८) द्विदेहः (पुं०) गणपति।
द्विरेफ-वर्गः (पुं०) मधुपवर्ग। पलाशिता किंशुक एव यत्र द्विधा (अव्य०) दो प्रकार का। (सम्य० ८२)
द्विरेफवर्गे मधुपत्वमत्र। (सुद० १/३३) द्विधार (स्त्री०) दो भाग। (वीरो० १८/५)
द्विवचनं (नपुं०) १. दो वचन, व्याकरण प्रसिद्ध वचन। २. द्विनवत (वि०) बानवेवां।
द्वयर्थकता, दो अर्थ की वास्तविकता। (जयो० ६/३७) दो द्विनवतिः (स्त्री०) बानवे।
अर्थों वाला-पयसो द्विवाच्यताऽसौ हंसस्य च तद्विवेचकता। द्विपक्षः (पुं०) १. पंछी, पक्षी। २. दो पक्ष का एक माह। (जयो० ६/३७) द्विवाच्यता-पयो दुग्धं जलञ्चेति। पन्द्रह-पन्द्रह दिन वाले दो पक्ष।
द्विवजकः (पुं०) १६ कोणों का स्थान। द्विपञ्चाश (वि०) बावनवां।
द्विवाहिका (स्त्री०) वहंगी। द्विपञ्चाशत् (स्त्री०) बावन।
द्विविंश (वि०) बाइसवां द्विपथं (नपुं०) दो मार्ग, दोराहा।
द्विविंशतिः (स्त्री०) बाईस। द्विपदः (पुं०) १. दो पैरों वाला मनुष्य। २. दो काव्य के पद। | द्विविध (वि०) दो प्रकार का, दो तरह का। (सुद० ११७)
द्विवेशरा (स्त्री०) खच्चर गाड़ी।
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