SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 70
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दुहितृपतिः ४८५ दूषिका दुहितृपतिः (पुं०) जमाता, दामाद। दूरदूरात (अव्य०) दूरी से। दुहितृनायकः (पुं०) जमाता, जामई। (जयो० १३/२२) दूरदूरेण (अव्य०) अधिक दूरी से, फासले से। दू (अक०) कष्टग्रस्त होना, पीड़ित होना खिन्न होना। दूरवर्तित्व (वि०) दूर रहने वाला। (सम्य० ५०) दूतः (पुं०) [दु+क्त] सन्देशवाहक, (जयो०७/६५) राजदूत, दूरवर्ती (वि०) दूर रहने वाला। (वीरो० २०/८) संदेश ले जाने वाला। (जयो० ३/३५) दूर-वर्तिन् (वि०) पराङ्मु ख, उदासीन। (वीरो० १/२६) दूतकः (पुं०) राजदूत। [दूत+कन्] दूरारुढः (पुं०) दूर स्थित। (सम्य० ४१) ऊँचाई पर स्थित। दूतचर (वि०) संदेश का काम करने वाला। दूरीकृ (वि०) दूर करना। दूतजनः (पुं०) चरनर, संदेशवाहक। (जयो० वृ० ३/१४) दूरीभू (वि०) दूर रहने वाला। दूतदोषः (पुं०) संदेश देकर स्थान प्राप्त करना साधु का दूत | दूरेक्षणयन्त्रशक्तिः (स्त्री०) दूरदर्शन यन्त्र। ___ दोष है। दूरेत्य (वि०) [दूरेभव+-दूर+एत्य] दूरी पर स्थित। दूतशिरोमणि (स्त्री०) चारतीर्थ। संदेश वाहकों में प्रमुख। दूर्यं (नपुं०) [दूरे उत्सार्यम-दूर-यत्] विष्ठा, मैला। (जयो०वृ० ७/६२) प्रमुख संदेश वाहक। दूर्वा (स्त्री०) [दुर्व+अ+टाप्] घास, दूब, हरिताङ्कर। (जयो० दूतसंलपितं (नपुं०) दूत का शान्तिपूर्ण वचन। 'दूतस्य संलपितं १/५८) भूभाग पर उगने वाली दूबा। (जयो० ११/९१) तदेव तस्यार्ककीर्ते' (जयोवृ० ७/६१) । दूर्वाङ्करः (पुं०) कोमल दूब। (जयो० १५/१२) (वीरो० दूतहूति (स्त्री०) दूत का आह्वान्, दूत की पुकार। 'दूतस्य १/१७) इतिमाह्वानमुपगम्य' (जयो०वृ० ३/११) । दूलिका (स्त्री०) [दूली+कन्+टाप] नील का पौधा। दूतिका (स्त्री०) [दू+ति+कन्+टाप्] दूती, संदेशवाहिका।। दूष (वि०) [दूष्+णिच्+अच्] दूषित करने वाला, अपवित्र दूती (स्त्री०) [दूति ङीष्] संदेवाहिका, रहस्य जानने वाली। करने वाला। (जयो० १५/८९) दूषक (वि०) [दृष्+णिच्+ण्वुल] कलंक लगाने वाला, अपवित्र दूत्यं (नपुं०) [दूतस्य भावः-दूत+यत्] दूतालय, संदेश स्थान। करने वाला, उल्लंघन करने वाला, अपराध करने वाला, दून (वि०) [दूत+क्त, नत्वम्] पीडित, कष्टजन्य। गुमराह करने वाला, भ्रष्ट, पतित, दुराचारी। दूना (स्त्री०) अशंका, शुचमापन्न। (जयो० १३/३) । दूषकः (पुं०) भ्रष्ट, पतित, निम्न, गिरा हुआ। दूर (वि०) [दुःखेन ईर्यते-दुर+इण्+रक्] दूरवर्ती, विप्रकृष्ट, दूषणं (नपुं०) [दूष+ल्युट्] बिगाड़ना, हानि पहुंचाना, अपवित्र अत्यन्त दूर। (जयो० ३/९१) दीर्घ, विशाल (जयो९ करना, दोष, हानिकर। (जयो० ४/२०, २/५३) 'दूषणानि १६/७७) वचनस्य शोधयेच्च' (जयो० २/५३) 'महाव्रतेभ्योऽयमिहातिदूरः' (सम्य० ९८) ० अप्रतिष्ठा, अपराध, त्रुटि, पाप, अशुभ परिणति, दूरं (नपुं०) दूरी, अधिकता, अत्यन्त, बहुत अधिक। दूरस्य आलोचना, आक्षेप। सम्पश्य पुनः सुहस्त। (समय० १३८) ० साधन में दोष को प्रकट करना। 'साधनदोषोद्भावनं दूषणम्। दूरग (वि०) दूर रहने वाला। (समु०७/२७) दुषणकारित्व (वि०) दोष करने वाला। (जयो० १७/५६) दूरतः (अव्य०) [दूर+तस्] दूर से, 'तदद्वयं परिहरेत्तु दूरतः' दूषणता (वि०) निन्दापना, दोषारोपण। धरा तु धरणेभूषणताया __(जयो० २/१०९) (जयो० ३/१०८) नैव जात्वपि स दूषणतायाः। (सुद०७५) दूरत (वि०) दुष्टता युक्त, कुत्सित क्रीडा युक्त। (जयो० १४/२) | दूषणभृष्टिः (स्त्री०) उत्तरोत्तर गुणाधिकता। (जयो० ५/३०) दूरतर (वि०) अधिक दूरी। दूराद दूरतरं (वीरो० १५/९) दूषणाभासः (पुं०) जात्युत्तर, साधन में जो दोष संभव नहीं, दूरतम (वि०) अत्यधिक दूर, बहुत दूर। (भक्ति० ३३) उनके उद्भावन को दूषणाभास कहा जाता है। दूरदर्शनम् (नपुं०) १. दूरवर्ती पदार्थों का अवलोकन। । दूषणावह (वि०) कलंक लगाने वाला। २. टेलीविजन, एक यन्त्र विशेष, जिससे सभी प्रदेशों, दूषिः (स्त्री०) [दूष्+णिच्+इन्] दोष, ढीढ, आंख का मैल। स्थानों, देशों आदि सचिव दर्शन होते हैं। दूषिका (स्त्री०) [दूषि कन्+टाप्] लेखनी, निर्झरणी, कूची, दूरदर्शी (वि०) दीर्घालोचक, दीर्घदर्शी। (जयो० १६/७७) आंख का मैल। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy