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दुष्ट
४८४
दुहित
दुष्ट (भू०क०कृ०) [दुष+क्त] क्षतिग्रस्त, दूषित, कलंकित, दष्प्रमुष्ट दोषः (पुं०) प्रमार्जन न करते हुए वस्तु को उठाना
प्रकृति में अभद्र व्यवहारी, अशिष्ट, अलुषित। (सुद० रखना, आदान-निक्षेपण समिति का दोष। १३४) (जयो० दृ० १/२०)
दुष्प्रयुक्तः (पुं०) दुष्ट प्रयोग। दुष्कामि (वि०) पापकर्मी। विक्रीयते निष्करुणैकर्मणीव दुष्प्रयुक्त-कायक्रिया (स्त्री०) असावधान प्रवृत्ति वाली शारीरिक तैर्दुष्कामि-सिंहस्य को स्वयं हेते: (वीरो० ९/७)
क्रिया। दुष्क्रम (वि०) अपक्रम, दुर्मन। (जयो० १२/४) 'दुष्टः दुष्प्रयोगः (पुं०) दुष्ट प्रयोग।
कषायविषय-दूषितः। मलिन, पापासक्त। (सम्य० ७०) दुष्फल (वि०) पाप विपाक। (सुद० २/३५) दुष्कर्मन् (नपुं०) पापकर्म।
दुस् (वि०) [दु+सुक्] दुष्ट, खराब, घटिया, मलिन। दुष्टगजः (पुं०) मदोन्मत्त हाथी।
दुष्कर (वि०) कठिन, दुष्ट, करने में अधिक कठोर। दुष्टगामी (वि०) अशिष्टता पूर्वक गमन करने वाला। दुस्कर्मन् (पुं०) पापकर्म। दुष्टचेतस् (नपुं०) दूषित बुद्धि, दुर्भावना जन्य मन। दुस्कालः (पुं०) अकाल, अनावृष्टि का समय। दुष्टधी (वि०) दूषित बुद्धि वाला।
दुस्कुल (नपुं०) निम्न कुल, अधम परिवार, गिरा हुआ कुटुम्ब। दुष्टता (वि०) अभद्रता।
दुस्कुलीन (वि.) निम्न जाति में उत्पन्न हुआ। दुष्टभावः (पुं०) दूषित विचार। (वीरो० ११/२२)
दुःशीला (वि०) दुराचारी। (जयो० १/२०) असती। दुष्ट-वृषभः (पुं०) अड़ियल बैल।
दुःशीलाचरणं (नपुं०) व्यभिचार। (जयो० १/४०) दुष्टसङ्ग (पुं०) बुरी संगति। (जयो० ४/६२)
दुःसाध्य (वि०) दुर्दिन। (वीरो० ४/७) दुष्टात्मन् (वि०) पापजन्य मन वाला, मिथ्यात्व से युक्त दुष्कृत् (पुं०) दुष्टपुरुष, नीच व्यक्ति। ___ आत्मा वाला। (समु० ६/३८)
दुष्कृतिः (स्त्री०) पाप जन्य कार्य। दुष्टा (स्त्री०) कलंकिता। (जयो० २०/६८)
दुश्चर (वि०) अगम्य, दुर्गम, दुर्व्यवहार करने वाला। दुष्टाशय (वि०) दुष्ट अभिप्राय वाला।
दुश्चरित (वि०) दुराचरण करने वाला, घृणित चरित वाला। दुष्टिः (स्त्री०) [दुष्+क्तिन्] खोट, भ्रष्टाचार।
दुश्चिकित्स्य (वि०) अशक्य। (जयो० ७/६६) असाध्य रोग दुष्टु (अव्य०) [दु+स्था+कि] दुष्ट, बुरा, अनुकूल।
युक्त। दुष्कर्मन (नपुं०) पापकर्म। (जयो०८/१२ जयो० १/८४) । दुश्च्यवनः (पुं०) इन्द्र। दुष्पक्वाहारः (पुं०) अध पका हुआ आहार, नहीं पका हुआ दुस्तर्कः (पुं०) मिथ्या विचार।
अहार। 'असम्यक् पक्वो दुःपक्वः अस्विन्नः, अतिक्लेदेनेन दुस्थ (वि०) दुर अवस्था गत, कठिन परिस्थिति युक्त।
वा दुष्टः पक्वो दुःपक्वः दुःपक्वः तस्य आहारः दुःपक्वाहारः। नियन्त्रितुं तान् मनवो बभुक्ते धरातलेऽस्मिन् समवाप्त दुष्पच (वि०) पचाने में कठिन। (त०१० ७/३५)
दुस्थे। (वीरो० १८/११) दुष्पथं (नपुं०) कुमार्ग, उत्पथा (भक्ति० ११)
दुःस्थित (वि०) दूर स्थित। (वीरो० २२/२४) दुष्पतनं (नपुं०) दुर्वचन।
दुस्शकुनं (नपुं०) अपशकुन। दुष्परिग्रह (वि०) ग्रहण करने में कठिन।
दुस्शासनं (नपुं०) कठिन शासन वाला। दुष्परिणामफलं (वि०) दुबुद्धि, बुरी परिणति, दुर्विपाक। (दयो०९८) दुस्शासनः (पुं०) धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों में से एक। दुष्प्रसह (वि०) भयानक, असह्य।
दुस्सह (वि०) कठिन, कठोर (जयो० ९/४) दुष्प्रतिलेखसंयमः (पुं०) भली-भांति प्रमार्जन न करना। दुः। दुस्साहसः (पुं०) कठिन कार्य, मिथ्यासाहस। (जयो० २/१४५)
प्रतिलेखो दुष्टु प्रमार्जनं जीवघात-मर्दनादिकारकं, तस्य दुस्साहसिक (वि०) साहस में कठिनता रहित। संयमनं यत्नेन प्रतिलेखनं जीवप्रमादमन्तरेण दुष्प्रतिलेखसंयमः दुहु (सक०) दोहना, निचोड़ना, दुहना, लगाना, निकालना। (मूला०वृ० ५/२२०)
(सुद० ४/२२) दुष्प्रत्युपक्षेपणं (नपुं०) व्याकुलित चित्त से मल-मूत्र विसर्जन। | दुहित (स्त्री०) [दुह् तृचपुत्री, कन्या, सुता, धूता, लड़की। दुष्प्रभावः (पुं०) पापजनक प्रभाव। (जयो० ४/६२)
(जयो० ४/४३) (जयो० २/१३२) तनया (जयो० ४/१९)
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