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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दुर्गतिः ४८१ दुर्बल विषयो वा स्वस्यापदो गमयतीति दुर्गम्। १. दुर्गमस्थान भेदोभेद स्वरूप वस्तु में अनपेक्षा विरुद्धधर्म की अपेक्षा विशेष। (जयो० ११/२३) न करना। अपेक्षातो निष्क्रान्तो वा अपेक्षा येनासौ निरपेक्ष:दुर्गतिः (स्त्री०) दुर्भाग्य, गरीबी, दरिद्रता,। २. कठिन स्थिति। दुर्नयः। (न्यायकुमुचंद ६/७१) 'इतरेतराकांक्षारहितस्तु दुर्नयः' 'दुरिताद दुर्गतिमेति जनोऽसौ शुभतो विलसति नर्म (जयो० दुर्नयस्तन्निराकृतिः तत्प्रयनीकप्रतिक्षेपो दुर्नयः (अष्ठशती २३/७६) १०६) सावधारणनि वाक्यानि दुर्नयाः। (धव० ९/८३) दुर्गन्ध (वि०) बुरी गन्ध वाला, अशुचिकर गन्ध। दुर्दम (वि०) प्रबल, कठोर, कठिनता से दबाया जाने वाला। दुर्गन्धि (वि०) खराब गन्ध वाला, सडांध। दुर्दमन (वि०) प्रबल कठोर। दुर्गन्धिन् (वि०) देखो ऊपर। दर्दभ्य (वि०) अत्यधिक कठिन, अधिक कठोर। दुर्गम (वि०) कठिनता से पहुंचने वाला मार्ग, अप्रवेश द्वार। दुर्दशा (स्त्री०) कठिन परिस्थिति। (सम्य० ११६) (दयो०८) दुर्दर्श (वि०) कठिनाई से दिखाई देने वाला। दुर्गमस्थानं (नपुं०) कठिन मार्ग युक्त स्थान। (जयो०८) दुर्दान्त (वि०) अत्यधिक कठिनता से दबाया जाने वाला। दुर्गा (स्त्री०) १. दुःखेन गम्यत इति दुर्गा (जयो० ३/८७) युद्ध घमण्डी, धृष्ट। ___ में जाने के लिए संकेत सूचक ध्वनि। (जयो० ६/२८) | दुर्दिनं (नपुं०) वृष्टिकाल, मेघाच्छन्नकाल, बुरा दिन-'दुर्दिनः दुर्गाद (वि०) अनवगाह्य, अनुसन्धान करने में कठिन। पतदुदकाभ्रसंयुक्तो दिवसः' (मूला०वृ० २/१८) दुर्गाध (वि०) अनवग्राह्य। दुर्दष्ट (वि०) सही मूल्यांकन न होना। दुर्गाह्य (वि०) अनवग्राह्य। दुर्दैव (वि०) दुर्भाग्य, पापा (समु० १/५। दुग्रह (वि०) कष्टसाध्य। दुर्दैवभिद-कृपाणी (वि०) पापकर्म को नष्ट करने वाली छुरी दुर्गुण (वि०) अशुभ गुण। (जयो० १/२) (समु० १/५) दुर्गुणभारः (वि०) अतिचार, दोष। (जयो० ५/४४) दुर्दैवता (वि०) दुर्भाग्यता। (वीरो० ४/७) दुर्गहप्रतिकृत (वि०) भूतवाधा निवारक। (जयो० १९/७८०) दुर्घतं (नपुं०) बेईमानी से जुआं खेलना। दुर्घट (वि०) कठिन, असम्भव। दुर्धर (वि०) जिसे रोका न जा सके। दुर्घोषः (पुं०) कर्कशध्वनि, कठोर शब्द। दुर्धर्ष (वि०) अनुल्लंघनीय, अगम्य। दुर्जन (वि०) दुष्टजन, प्रकृति में उद्दण्ड मनुष्य, कुनर। (समु० दुर्थी (वि०) दुष्ट बुद्धि वाला, कुमति युक्त। ६/३८) दुर्जना दोषवित्तिका दुर्जनानां वचः स्वादु हृदि दुर्ध्यान (वि०) खोटा ध्यान, आर्तध्यान। 'दुरिति शब्दो वैकृते हालाहल यथा। फणायां फणिनो रत्नं दंष्ट्रायां गरलं महत्। वर्तते, विकृतो वर्णो दुर्वर्ण इति यथा, एवं विकृतं ध्यानं (दयो०६१) विकारान्तरमापन्नं दुध्यानमिति' (जैन०ल०पृ० ५२४) दुर्जनवारणं (नपुं०) दुष्टता का निवारण। ओं सव्वोसहिपत्ताणं दुर्नामनः (पुं०) बवासीर। णमो स्यादुपसर्गहृत् णमो मणवलीणं चापस्मार-परिहारभृत।। | दुर्निग्रह (वि०) उच्छृखल, उद्दण्ड, बेलगाम, कठिनाई से वश (जयो० १९/७८) __ में होने वाला। दुर्जनसमूहः (पुं०) दुर्जनसमुदाय। दुर्निमित्त (वि०) अहितकर कारण, अपशकुन। (सुद० १२५) दुर्जय (वि०) अजेय। (मुनि० ३०) दुर्निनाद (वि०) अपशब्द ध्वनि, कर्कशध्वनि। दुर्जर (वि०) चिरयुवा। दुर्निवार (वि०) अजेय, अत्यधिक कठिन। (जयो० ७/७१) दुर्जात (वि०) दुःखी, अभागा, दुष्ट स्वभाव को प्राप्त। दुर्निवार्य (वि०) जिसका निवारण करना कठिन हो। दुर्जातिः (स्त्री०) दुर्भाग्य, दुर्दशा। दुर्नीत (वि०) दुराचरण। दुर्जान (वि०) कुज्ञान, अनर्थकारी, बोध। दुर्नीति (स्त्री०) दुर्व्यवहार, प्रतिकूल शासन, अरीति। (जयो०० दुर्जेय (वि०) कठिनता से जानने योग्य। १/१२) दुर्णयः (पुं०) दुराचरण, अन्याय। दुर्बल (वि.) १. बलहीन, कमजोर, क्षीणकाय, शक्तिहीन। दुर्नयः (०) दुराचरण, अन्याय, अनौचित्य। २. स्वल्प, थोड़ा, कम। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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