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दीपध्वजः
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दीर्घदर्शिन
३/१६)
दीपध्वजः (पुं०) काजल।
दीप्तिः (स्त्री०) [दीप्+क्त्न्]ि चमक, प्रभा, प्रताप, आभा, दीपपादपः (पुं०) दीवट, दीपाधार, दीप स्तम्भ।
कान्ति। (दयो० ५५) 'द्युतिदीप्तिमताङ्गजन्मना' (सुद० दीपपुष्पः (पुं०) चम्पक तरु। दीपभाजनं (नपुं०) दीपक।
दीप्तिमता (नपुं०) दीप्ति युक्त शरीर। दीपमहमग्र (वि०) दीपक की महानता।
दीप्तिवान् (वि०) कान्तिमय, प्रभा युक्त। दीपमाला (स्त्री०) दीपाली, दीपक की रोशनी, प्रकाश समूह। दीप्र (वि०) जगमगाता हुआ, चमकीला, आभाजन्य। दीपवेश (वि०) प्रदीप रूप धारक। (जयो० ७५/२२) दीर्घ (वि०) [दृ+घञ्] १. चिर। (जयो० १४/९८) दीपशत्रुः (पुं०) पतंग।
• लम्बा -(जयो०वृ० १/२५ सुद २/८) दीपशिखा (स्त्री०) दीपक की लौ। 'चरुणि दीपशिखायाः' ० प्रलम्ब-(जयो० १/५२) भोगीन्द्र दीर्घाऽपि (सुद० ७२) 'दीपशिखेव धु' (सुद० १/४३)
भुजाभिजातिररिश्रियामेव रुजां प्रजातिः। (जयो० १/५२) दीपशिखांश: (पुं०) दीप की शिखा का अंश। (जयो० 'शेष नागः स एव दीर्घा प्रलम्बमाना' (जयो०वृ० १/५२) १६/७)
० उत्तुंग, उन्नत, ऊँचा, गहरा, ०अत्यधिक, बहुत, दीपान्विता (स्त्री०) दीपावली, अमावस्या।
विस्तृत। दीपाराधनं (नपुं०) आरती उतारना, दीप द्वारा उपासना करना। | दीर्घः (पुं०) दो मात्रिक-द्विमात्रो दीर्घः' जिसके उच्चारण दीपाली (स्त्री०) दीपपंक्ति, दीपावली। देवैनरैरपि परस्परतः करने में बहुत समय लगे, दीर्घ स्वर-आ, ई, ऊ, ए, ऐ
समेतै र्दीपावली च परितः समपाति एतैः। (वीरो० २१/२३) ओ, औ। दीपावली (स्त्री०) दीपोत्सव, प्रकाशपर्व, उत्साह दिवस।। दीर्घकालः (पुं०) चिरसमय। (जयोवृ० ११/९३) दीपिका (स्त्री०) [दीप्+णिच्+ण्वुल्+टाप्] (जयो० १०/११४) दीर्घकाल-कलित (वि०) दीर्घकाल को प्राप्त। 'दीघकालात्
प्रकाश, ज्वाला, मशाल, प्रदीपिका। (२०/११५) (स्त्री०) चिरात् कलितामुपलब्धताम्' (जयोवृ० ४/९६) दीपकोद्दीपनेत्री।
दीर्घ-कन्धरः (पुं०) सारस। दीपित (वि०) [दीप्+णिच्+क्त] ० वर्धक। यस्या भृश दीपित दीर्घकष्ठः देखें ऊपर। कामदेवा' (वीरो० ४/१०)
दीर्घकष्टकः देखें ऊपर। ० प्रकाशित, प्रज्वलित, आभावान्, प्रकाशमय। दीर्घ-काय (वि०) लम्बा शरीर, लम्बाकद। दीप्त (भू०क०कृ०) [दीप्+क्त] प्रकाशित, प्रज्वलित, उद्दीपित, दीर्घकेशः (पुं०) भालू, रीछ। उत्तेजित, प्रकाशमय।
दीर्घकोपी (वि०) बहुत क्रोधी। दीप्तः (पुं०) सिंह।
दीर्घगतिः (स्त्री०) ऊँट, दीप्तकरः (पुं०) सिंह।
दीर्घग्रीवः (पुं०) ऊँट। दीप्तकिरणः (पुं०) सूर्य, रवि।
दीर्घघाटिकः (पुं०) उष्ट्र, ऊँट। दीप्कीर्तिः (पुं०) कार्तिकेय।
दीर्घ-जङ्घः (पुं०) ऊँट। दीप्तजिह्वा (स्त्री०) लोमड़ी।
दीर्घजनुष (वि०) चिरजीवि, दीर्घजीवि। (जयो० ४/४५) दीप्तज्योति (स्त्री०) प्रकाश प्रभा।
दीर्घजिह्वः (पुं०) सर्प, अहि। दीप्ततपस् (वि०) धर्मनिष्ठा से शोभायमान तप, एक ऋद्धि दीर्घतपस् (वि०) अत्यधिक तप। विशेष। देहदीप्त्या प्रहतान्धकारा दीप्ततपसः' सतत् शरीर दीर्घता (वि०) आयत युक्त, लम्बाई युक्त। (जयो० १३/४६) की प्रभा वाला।
दीर्घतुण्डी (स्त्री०) छछुन्दर। दीप्त-पिङ्गलः (पुं०) सिंह, केशरी।।
दीर्घदण्डः (पुं०) ताड़वृक्ष। दीप्तरसः (पुं०) केंचुवा।
दीर्घदु (पुं०) ताड़ वृक्षा दीप्तलोचनः (पुं०) बिल्ली।
दीर्घदर्शिन् (वि०) सूक्ष्मदर्शी, विवेकी, ज्ञानी, दूरदर्शी। (जयो० दीप्तलोहं (नपुं०) पीतल, तांवा।
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