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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दलः ४६८ दशयोजनं दल: (पुं०) [दल्+अच्] १. अंश, भाग, टुकड़ा, खण्ड, २. यस्य तत्त्वं शंसतीत्येवमेष' (जयो० ११/१४) 'दशत्वं उपाधि, ३. पुंज, राशि, ढेर, टुकड़ी, टोली। ४. पत्र। तच्छंसो' (जयोवृ० ११/१४) दलकोषः (पुं०) कुन्दलता। दशधर्मः (नपुं०) एक हजार। (समु० २/२०) दलजातिः (स्त्री०) पत्र जाति। 'या खलु लोके फलदलजाति दशधाशतं (पुं०) क्षम्मदि दशधर्म। र्जीवननिर्वहणाय निभाति' (सुद० १३१) दशधा (अव्य०) [दशन्+धा] दश प्रकार का, दस अंशों का। दलनं (दल्+ल्युट्) फाड़ना, तोड़ना, काटना, पीसना, मसलना, स्वर्णमेव कलितं सुकृतायं स्यादिहेति दशधा दुरूपाय। (जयो० कुचलना, विदीर्ण करना। २/१०१) 'दशधा दशप्रकारं दानं प्रोक्तम्' (जयो०७० दलनिर्मोकः (पुं०) भोजपत्र पादप। २/१०१) दलप: (पुं०) शस्त्र, १. सोना, २. शास्त्र। दशध्वजा (स्त्री०) दस प्रकार की ध्वजाएं। (जयो०१० २६/५७) दलपुष्पा (स्त्री०) केवड़े का पादप। दशन (पुं०) दांत, दन्त। (दयो० ८६) दललता (स्त्री०) पत्रावली, पत्रोपलक्षितवत्ली। (जयो० १५/८२) दशनं (नपुं०) (जयो०८/३०) १. पर्वत शिखर। २. कवच। दलश: (अव्य०) [दल्+शस्] टुकड़े-टुकड़े करके, पीस दशनछदः (पुं०) ओष्ठ, होंठ। करके, हिस्से करके। दशनपदं (नपुं०) दन्त चिह्न, दांत से काटने पर जो चिह्न हो। दलसङ्कप्लः (पुं०) पल्लवप्रपञ्च, पत्र समूह। (जयो० १२/५) दशनबीजः (पुं०) दाडिम तरु, अनार का वृक्ष। 'दलसङ्कल्पेन पल्लवप्रपञ्चेन' दशनवसनं (नपुं०) अधरोष्ठ। (जयो० ६/६४) दलित (भू०क०कृ०) [दल्+क्त] टूटा हुआ, भ्रंश हुआ, दशनवायस् (नपुं०) होंठ। ___ मसला हुआ, विदीर्ण किया हुआ, पतित, भ्रंश, अपभ्रंश। दशनांकः (पुं०) दांत के चिह्न। दल्भः (पुं०) [दल+भ] १. चक्र, पहिया, चाक, २. धोखाधड़ी, दशनांशुः (स्त्री०) दांतों की शोभा। 'दशनानां दन्तानामंशभिः ३. पाप। किरणैः' (जयो० १४/३५) दवः [दु+अच्] अरण्य, वन, जंगल। १. दवाग्नि, दावानल दशनि (पुं०) दन्ति, हस्ति, हाथी। (जयो० १२/८०) (भक्ति० २५) दशनी (स्त्री०) दशवाँ दिन। दवज्वाला (स्त्री०) दावाग्नि। (दयोc ७६) दशपदं (नपु०) दश कदम। दवथुः (स्त्री०) [दु+अथुच्] १. अग्नि, आग, २. गर्मी, दशपूर्वी (वि०) दश पूर्व ग्रन्थ का ज्ञाता, विद्याधर श्रमण। उष्णता, ३. दुःख, पीड़ा, चिन्ता। दशबलः (पुं०) बुद्ध। दवदानं (नपुं०) अग्नि प्रज्वलित करना। दशभूमिगः (पुं०) बुद्ध। दववह्निः (स्त्री०) दावानल, वृंहण। (जयो० १३/५०) दशमसर्गः (पुं०) दसवां अध्याय। दविष्ठ (वि०) [दूर+इष्ठन्] अधिक दूर वाला। दशमी (वि०) एक दश संख्या की तिथि वाला दिन। दवीयस् (वि०) [दूर+ईयसुन्] अधिक दूर। दशमीतिथि: (स्त्री०) दशमी का दिन, मार्गशीर्ष मास की दवीयसी (वि०) दीर्घता। (जयो० २१/६९) तिथि, कृष्ण दशमी-मार्गशीर्षस्य मासस्य कृष्णा सा दवोपतापः (पुं०) दावानल का संतापा (भक्ति. २५) दशमीतिथि:' (वीरो०१०/२६) धूप दशमी, सुगन्धदशमी। दशक (वि०) [दशन् कन्] दश से युक्त, दशगुना। दशमीप्रतिमा (स्त्री०) श्रावक की दशमी प्रतिमा, जिसमें दशकं (नपुं०) दश का योग। अपने निमित्त बने हुए आहार के खाने दस मास तक दशत् (स्त्री०) [दशन्+अति] दशक, दश का योग। त्याग किया जाता है। दशन् (पुं०) संख्यावाची विशेषण, दस संख्या! दशमुखः (पुं०) रावण। दशककष्ठः (पुं०) रावण। दशमूलं (नपुं०) दशमूल स्थान। दशकन्धरः (पुं०) रावण। दशमूलारिष्टः (पुं०) एक औषधि, जिसमें दश प्रकार की दशतय (वि०) [दशन्त यम्] दस गुना। औषधियों का मिलाकर काढ़ा बनाया जाता है। दशत्वशंस (पुं०) दस संख्या का सूचक। 'दशेव दशाऽवस्था | दशयोजनं (नपुं०) दस योजन का प्रमाण, चार कोश का एक For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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