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दन्तग्राहिन्
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दमन
दन्तग्राहिन् (वि०) दांतों की छवि बिगाड़ने वाला, दन्तघर्षः (पुं०) दांत पीसना, दांत से दांत रगड़ना। दन्तचालः (पुं०) दांतों का ढीलापन। दन्तछदः (पुं०) होंठ, ओष्ठ। (वीरो० २/४८) दन्तच्छदलौहित्य (वि०) अधर शोणि, होंठों की लाली। दन्तच्छदारुणिमा (स्त्री०) अधर राग। (जयो० १०/९०) दन्तजात (वि०) दांत जिसके निकल रहे हों। दन्तजाहं (नपुं०) दांत की जड़। दन्तधावनं (नपुं०) दन्तमञ्जनं, दन्तप्रक्षालन, दांत धोना, दशन __ स्वच्छता। (जयो०१० २७/४८) दन्तपत्रं (नपुं०) कर्णाभूषण, कर्णफूल। दन्तपत्रकं (नपुं०) कर्णाभूषण, कर्णाभरण। दन्तपत्रिका (स्त्री०) कर्णाभूषण, कर्णालंकार। दन्तपावनं (नपुं०) दातौन, दांत साफ करना। दन्तपातः (पुं०) दांत गिरना। दन्तपाली (स्त्री०) दांत के अग्रभाग। दन्तपुष्पं (नपुं०) कुन्द पुष्प, कतक पुष्प, निर्मली। दन्तप्रघर्षः (पुं०) दन्तप्रक्षालन। (मुनि० ) दन्तमञ्जन। दन्तप्रक्षालनं (नपुं०) दांत साफ करना। दन्तप्रमार्जनं देखें ऊपर। दन्तभागः (पुं०) दांत का अग्र भाग। दन्तमञ्जनं (नपुं०) दन्त प्रक्षालन, दांत की सफाई करना,
दन्तप्रमार्जन। (जयो०१० २७/४८) दन्तमण्डलं (नपुं०) रदचक्र, दांत समूह। (जयो० १३/३६) दन्तमलं (नपुं०) दांततैल। दन्तमार्जनं (नपुं०) दन्त प्रक्षालन, दन्तमृष्ट, दन्त प्रघर्ष,
दन्तधावन, दन्तमञ्जन। दन्तमूलं (नपुं०) दांत का मूल-भाग, दांत की जड़, मसूड़ा।
(जयो० १३/१०) दन्तमूलीया (वि०) दन्त्यवर्ग। त, तु, थ, द, धु, न, ल, स्। दन्तमृष्टं (नपुं०) दन्तमञ्जन, दन्तमार्जन। (जयो०वृ० २७/१६) दन्तरुचिः (स्त्री०) दशनकान्ति, रदप्रभा। (जयो०१० ३/२२) दन्तरोगः (पुं०) दन्त पीड़ा। दन्तवासः (पुं०) अधरोष्ठ। (जयोवृ० १८/३३) दन्तवाणिज्यं (नपुं०) दांतों का व्यापार। दन्तवीणा (स्त्री०) सारंगी। दन्तव्यसनं (नपुं०) दन्त क्षय, दांत टूटना। दन्तशठ (वि०) खट्टा, चरपरा।
दन्तशठः (पुं०) नींबू पादप। दन्तशर्करा (स्त्री०) दांतों की पपड़ी। दन्तशाणः (पुं०) दन्तमञ्जन, दन्तशोधन, दन्तमार्जन, मिस्सी। दन्तशूलं (नपुं०) दांत की पीड़ा। दन्तशोधनिः (स्त्री०) दांत कुरेलनी। दन्तशोधन चूर्णः (पुं०) मंजन। (जयो० २७/४७) दन्तशोफः (पुं०) मसूड़ों की सूजन। दन्तसंघर्षः (पुं०) दांतों का रगड़ना, मिसमिसाना। दन्तसंस्कारः (पुं०) दांत रंजन, दांतों को रंगना। 'दन्तमलापकर्षणं
तद्रंजनं वा दन्त संस्कार:' दन्ताग्रं (नपुं०) दांतों का अग्रभाग। दन्तादन्ति (अव्य०) दांतों का रगड़ना। दन्तान्तरं (नपुं०) दशन के मध्य का स्थान। दन्तावलः (पुं०) [अतिशयितौ दन्तौ यस्य, दन्त+बलच] हस्ति,
करि, हाथी। दन्तावलि (स्त्री०) रदनराजि, दांत समूह, दशन पंक्ति। (जयो०
१५/२४) 'दन्तावली दाडिमबीजभुक्तिः ' (जयो० ११/६०)
दन्तावलीमधरशोणिमसं भृदङ्का। (जयो० १८/१०२) दन्तावली (स्त्री०) दशन पंक्ति, दन्त समूह। दन्तिम (पुं०) हस्ति, गज। (जयो० ८/१७) दन्तिवो हस्तिनश्च।
(जयो०वृ० १/३८) दन्तुर (वि०) [दन्त+उरच्] दांतेदार, विषम, उन्नतावनत। दन्तुरः (पुं०) दन्ती, हस्ति, गज, हाथी। 'रदाभ्यामपि दन्तुरोऽन्यः'
(जयो०८/१८) दन्तुरित (वि०) [दन्तुर+अरच्] निकले हुए दांत वाला, दांतेदार। दन्त्य (वि०) [दन्त+यत्] दांतों से सम्बन्धित। दन्दशः (पुं०) दांत। दन्दशूक (वि०) [दंश्+य ऊक्] काटने वाला, विषैला। दन्दशूकः (पुं०) १. सर्प, २. काल, यमराज। (दयो० ४०) दभ्/दम्भ (सक०) क्षति पहुंचाना, नष्ट करना, ठगना, उकसाना,
धकेलना। दभ्र (वि०) [दम्भ+रक्] स्वल्प, थोड़ा। दम् (अक०) शान्त होना। दम् (सक०) जीतना, दमन करना, रोकना, वश में करना। दमः (पुं०) [दम्+घञ्] दमन, शान्त, शमन, नियन्त्रण। संयम
मनोज्ञ-अम!ज्ञ इन्द्रिय विषय का रोकना। दमथः (पुं०) [दम्+अथच्] उग्र वृत्तियों को रोकना। दमन (वि०) १. वश में करने वाला, जीतने वाला, दबाने वाला
शमनकारी। २. आत्मसंयम।
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