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दण्डायतशयनं
दन्तकूटः
दाता
दण्डायतशयनं (नपुं०) सर्कंग शयन, दण्ड के समान लम्बायत
शयन। 'दण्डवदायतं शरीरं कृत्वा शयनम्' (भ० आ०टी० २२५) दण्डवदायतं शरीरं कृत्वा शेते इत्येवं व्रतं यस्य स दण्डायतशायी साधु:तत्साहचर्यात्तच्छयनमपि तथोक्तं
दण्डायतशयनम्। (भ०आन्टी० २२५) दण्डारः (पुं०) चाक, १. बेड़ा, नाव, २. हाथी, ३. गाड़ी। दण्डाह (वि०) दण्ड दिए जाने के योग्य, दण्ड का पात्र। दण्डालसिका (स्त्री०) हैजा। दण्डासनं (नपुं०) दण्डवत् आसन। एक आसन विशेष, जिसमें
बैठ करके दोनों पैरों की अंगुलियों, गुल्फों और जंघाओं
को संसृष्ट करते हुए उनको फैलाना। दण्डिकः (पु०) दण्डधारी, छड़ीधारक। दण्डिका (स्त्री०) १. लकड़ी, २. पंक्ति, आलि, श्रेणी, लड़ी,
रस्सी। दण्डिन् (पुं०) [दण्ड+इनि] १. द्वारपाल, पहरेदार, संतरी। २.
दण्डधारी, एक जैन संत। दत् (पुं०) दांत। दत्त (भू०क००) [दा। क्त] प्रदत्त, दिया हुआ, वितरित,
समर्पित, रखा गया, फैलाया गया। दत्तः (पुं०) मेतार्य गणधार के पिता श्री। मेतार्यवाक __ तुङ्गिकसन्निवेशवासी पिता दत्त इयान् द्विजेशः। (वीरो०
सं० १४/११) दत्तं (नपुं०) दान, उपहार, भेंट। दत्तकः (पुं०) [दत्त कन्] गोद लिया गया पुत्र। दत्तकपुत्रः (पुं०) गोद लिया गया पुत्र। दत्तकपुत्री (स्त्री०) गोद ली गई पुत्री। दत्तचित्त (वि०) कुशल, प्रवण, प्रणतिप्रवण। (जयो० १६/६१) दत्तदानं (नपुं०) दिया गया उपहार। दत्तदृष्टिः (स्त्री०) समर्पित दृष्टि। (जयो०वृ० ५/१९) दत्तपात्रं (नपं०) प्रदेय भाण्ड, दिया गया भाजन। दत्त-पुस्तकं (नपुं०) प्रदत्त पुस्तक। दत्त-मानं (नपुं०) प्राप्त हुआ सम्मान। दत्तमोदः (वि०) आनंद प्राप्त हुआ। दत्तयानं (नपुं०) यान को प्राप्त। दत्तवती (वि०) देने वाली (जयो०वृ० ५/१९) दत्तशुष्कः (पुं०) प्रदत्त दान। दत्तशुल्का (स्त्री०) दहेज। दत्ति (स्त्री०) प्रत्याख्यान भेद, हस्तथाल से पतित भिक्षा।
दत्तिकृत् (वि०) पात्रदानकर्ता। (जयो० २३/४४) दत्तिग्रास-परिणामः (पुं०) दान क्रिया का प्रमाण। दद् (सक०) देना, प्रदान करना। दद (वि०) देने वाला। ददनं (नपुं०) [दद्+ ल्युट] दान, उपहार। ददेदेहि (स्त्री०) अस्पष्टवाणी। (जयो० १०/५०) दध् (सक०) पकड़ना, ग्रहण करना, आदधना (जयो० ११/७०)
दधाम (सुद० ७०) लेना, धारण करना। दधनी (सुद०
१२३) दधाना (वि०) धारयित्री। (जयो० १५/९१) दधि (नपुं०) दहि, जमा हुआ दूध। (सुद० १३०) दधिकूचिका (स्त्री०) दूध का मिश्रण। दधिचारः (पुं०) रई। दधिजं (नपुं०) मक्खन। दधित्थः (पुं०) कपित्थ, कैंथ, कवीट, दहिफल, कपित्थ।
(जयो० २५/११) दधिफलः (पुं०) दही का जामन। दधिप्रयुक्तिः (स्त्री०) दधि प्रयोग (वीरो० १९/३) दधिमन्थनं (नपुं०) दहि मथना। दधिवाहनः (पुं०) चम्पानगरी का एक राजा। दधिविलोडन (नपुं०) दहि मथना। (जयो०वृ० २१/५६) दधिशोण: (पुं०) बन्दर। दधिसक्तु (पुं०) दधि मिश्रित सत्तू। दधिसारः (पुं०) मक्खन। दधिस्नेहः (पुं०) मक्खन। दधिस्वेदः (पुं०) अधरिड़ का दही। (जयो० २०/८४) दधिभाजनं (नपुं०) दहिपान। (जयो० २१/५८) दधीचः (पुं०) दधीचि नामक ऋषि, अस्थिदान कर्ता महर्षि। दनुः (स्त्री०) दक्ष की कन्या। दनुजा (स्त्री०) दक्ष की पुत्री। दनुसंभवः (पुं०) एक राक्षस। दन्तः (पुं०) दांत, रद, रदन। रदेषु दन्तेषु (जयो०वृ० ५/८८) दन्तकर्मन् (नपुं०) दांत पर कार्य। दन्तकर्षणः (पुं०) नींबू का वृक्ष। दन्तकारः (पुं०) दांत बनाने वाला, हाथी दांत का काम करने
वाला। दन्तकाष्ठं (नपुं०) दातौन। दन्तकूटः (न०) लड़ाई।
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