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मुष्टीमुष्टि
८५१
मठः
वा
मुष्टीमुष्टि (अव्य०) मुक्केबाजी। मुष्ठकः (पुं०) राई, काली सरसों। मुस् (सक०) फाड़ना, विदीर्ण करना, खण्ड करना। मुसलः (पुं०) मूसल। मुद्गर।
०गदा। मुसलमानः (पुं०) एक जाति विशेष, जो 'अल्लाह' पर श्रद्धा
रखते हैं। मुसलमानता (वि०) मुसलमानपना। (जयो० २८/२३) मुसलामुसलि (अव्य०) मूसल से लड़ना, गदा से लड़ना। मुसल्य (वि०) मुसल+यत्] मूसल से चूर-चूर करने वाला। मुससायक-भाजः (पुं०) कामदेव। मुस्त् (सक०) ०इकट्ठा करना, ०ढेर लगाना, ०संग्रह करना,
संचय करना। मुस्तः (पुं०) मोथा घास मुस्रं (नपुं०) [मुस्+रक्] मुसली।
आंसू। मुह (अक०) मुाना, मूर्छित होना।
अचेत होना, बेहोश होना। उद्विग्न होना, घबराना। मोहित होना, मुग्ध होना।
अस्त व्यस्त करना, उद्विग्न होना। मुहिर (वि०) [मुह+किरच्] अज्ञानी, मूर्ख, जड़। मुहिरः (पुं०) कामदेव। मुहरपि (अव्य०) फिर भी। (वीरो० ४/४१) मुहुर्मति (वि०) परिमलित। (जयो० १४/४१) मुहुरेव (अव्य०) भूयो भूयो (जयो० १०/२३) मुहस्त्र (अव्य०) यहां बार-बार। (सुद० १२८) मुहस् (अव्य०) बहुधा, लगातार, निरंतर, बार बार, बहुत।
(सुद० ४/२२) मुहुर्मुहुः (अव्य०) बार-बार। (हित० ५८, दयो० १४) पौन
पुण्येन (वीरो० ४/२१) मुहुर्वचस् (नपुं०) पिष्टपेषण, पुनरुक्ति। मुहुःस्तवः (पुं०) बार बार स्तवन। (जयो० १७/२३) मुहूर्तः (पुं०) एक क्षण, अल्पांश, मुहूर्त (नपुं०) निमिष। (सम्य० ४९) ०एकक्षण, अल्पकाल। मुहूर्तकालः (पुं०) थोड़ा समय। अड़तालीस मिनट का समय।
दो नालिकाओं का एक मुहूर्त। सत्तर लवों का एक मुहूर्त।
मुहूर्तकः (पुं०) निमिष, क्षण। मू (सक०) बांधना, जकड़ना, कसना। मूक (वि०) [म्+कक्] गूंगा, मौन।
मुखरीपने से रहित, वाक् शून्य।
बेचारा, दीन, दुःखी। मूकः (पुं०) गूंगा।
बेचारा, दीन। (जयो० १७/३२)
मछली। मूकत्वपरिणतिः (स्त्री०) मुद्रणा, मौन भाव, मौनवृत्ति।
(जयो० ५/१०१) मूकभावः (पुं०) मूकपरिणति। (वीरो० १४/३८) मूकयन्ती (वर्त०कृ०) तूष्णीं कुर्वन्ती-चुप करती हुई। (जयो०
१८/१०९) मूकिमन् (पुं०) [मूक+इमनिच्] गूंगापन, मूकता, चुप्पी। मूकीभावः (पुं०) मुखमुद्रण। (जयो०वृ० ११/५०) ०मौन। मूढ (भू०क०कृ०) [मुह+क्त] ०मोहाच्छन्न। (जयो० २३/६०)
०व्याकुल, उद्विग्न, विह्वला (सुद० १०२) ०भ्रान्त, भ्रमपूर्ण, प्रताडित, विचलित। ०अपक्वजन्मा।
संशयोत्पादका मूढः (पुं०) मूर्ख, बुद्ध, मतिहीन, अज्ञानी पुरुष। (सम्य० ११६) मूढगर्भः (पुं०) मृत गर्भ। मूढगत (वि०) मूर्खता को प्राप्त। मूढचेतस् (वि०) मूर्ख, बुद्धिहीन। मूढजनः (पुं०) मूर्ख पुरुष, अज्ञानी। मूढजातिः (स्त्री०) मूर्खता की उत्पत्ति। मूढता (वि०) मुग्धता, आसक्ति भावना। (जयो० १५/९५)
दयिताहतस्य मनसः समातुरैः परिमूढहामिव गतेः पुरा नरैः।
(जयो० १५/९५) मूढधी (स्त्री०) मूर्ख, जड़बुद्धि, मतिहीन व्यक्ति, मोही
व्यक्ति। एतत्प्राकृतिक दृश्यमनिष्टं नेष्टमित्यापि किन्तु
रागाच्च रोषाच्च तथा वाञ्छति मूढधीः। (हित० ५९) मूढबुद्धि (स्त्री०) मूर्ख, जड़बुद्धि, सीधा-सादा, निर्बुद्धि। मूढमति (स्त्री०) मूर्ख, जड़बुद्धि, मतिहीन। मूढमण (वि०) विचार हीन। (जयो० २५/८३) मूढसत्त्व (वि०) मोहित। ०अज्ञानी। मूढहीन (वि०) मूर्खता रहित, ज्ञानी। मूठः (पुं०) पुङ्ख। (जयो०१० २४/१०८)
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