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मायापिण्डः
८३८
मार्गः
मायापिण्डः (पुं०) वंचनापूर्वक आहार ग्रहण। मायाप्रतिरूपः (पुं०) मायामयी। (वीरो० ७/१३) (सुद०१३/३५) मायामयी (वि०) माया युक्त। (वीरो० ७/१३) मायामूर्ति (स्त्री०) कुटिलता की प्रतिमूर्ति। (सुद० १०२) मायाविन् (पुं०) मायावी, धूर्त। (जयो० ३/४) अहो मायाविनां
मा या मायातु सुखतः स्फुटम्। (जयो० ७/४) ०ऐन्द्रमालिक, जादूगर।
०छल कपटी। (मुनि० १८) मायाविन् (वि०) [माया अस्त्यर्थे विक्ति] छल कपट करने
वाला, धोखा देने वाला। मायि (वि०) ०मायावी, छल-कपटी। ०बनावटी। मायिक (वि०) [माया ठन्] मायावी, छल-कपटी, भ्रान्तिमान,
अवास्तविक। मायिकः (पुं०) जादूगर, ऐन्द्रजालिक। मायिकं (नपुं०) माजूफल। मायुः (पुं०) [मि+उण्] सूर्य।
पित्त।
पैत्तिकरस। मायूर (वि०) मोर से सम्बन्धित, मोर से उत्पन्न होने वाला।
मोर के पंखों से निर्मित। मायूरं (नपुं०) मयूर समूह। मारः (पुं०) [मृ+घञ्] वध, हत्या घात, विनाश।
बाधा, विघ्न, विरोध। मारो विघ्ने मृत्यौ स्मरे वृषे इति वि (जयो० १७/५८) ०कामदेव, मदन। (जयो०८/४२)
पुरुषोत्तम। (सुद० ७९), कामातुर। (जयो०वृ० ११/५२) ०अनिष्ट। ०प्रेम।
०धतूरा। मारकः (पुं०) महामारी रोग, संक्रामक रोग।
०कामदेव, मार।
विनाशकर्ता, घातक। मारकत (वि०) पन्ने से सम्बन्धित। मारकयः (पुं०) यमराज, मरण। (जयो० ७/५३) मारणं (नपुं०) [मृणिच्+ल्युट्] संहार, वध, हत्या, घात, विनाश क्षति। (जयो० ७/५८)
शत्रु विनाश। (समु० ८/२८) ० फूंकना, भस्म करना।
मारणकर्म (पुं०) व्यभिचार, अत्याचार। (जयो० १/४०) मारणार्थ (वि०) विनाशार्थ, क्षयार्थ। (सुद० १०८) मारधारा (स्त्री०) शस्त्रास्त्र भाग। मारस्य कामदेवस्य धारा।
(जयो० २६/७२) मारय् (सक०) मारना (दयो०८) मारयितुम् (समु० ४/३३) मारवाड: (पुं०) मारवाड़ देश, राजस्थान का प्रसिद्ध मरुभाग।
(जयो० २८/११) मारवारः (पुं०) मारवाड़, मरुधरा। मारसिंगय्यः (पुं०) शैवधर्मानुयायी व्यक्ति। मचिकव्वेऽपि
जैनाऽभून्मारसिंगय्यभामिनी शैवधर्मी पतिः किन्तु सा तु
सत्यानुयायिनी।। (वीरो० १५/४५) मारिः (स्त्री०) [मृ+णिच् इन] घातक रोग, महामारी। मारिच (वि०) मिर्च से निर्मित। मारिष (वि०) नाटक का श्रद्धेय पात्र। मारी (स्त्री०) [मारि+ङीष] प्लेग, हैजा। (जयो० १९/७६)
०संक्रामक रोग, घातक रोग।
महामारी। मारीचः (पुं०) ०मरीच राक्षस। ०एक राक्षस विशेष। मरीचं (नपुं०) मिर्च पादप। मारुण्डः (पुं०) सर्प का अण्डा।
गोबर।
०पथ, मार्ग। मारुत (वि०) वायु से उत्पन्न होने वाला। मारुतः (पुं०) हवा, पवन।
०प्राण।
०श्वांस। मारुतं (नपुं०) स्वाति नक्षत्र। मारुतपुत्रः (पुं०) हनुमन्। मारुतसूनुः (पुं०) हनुमान, ०पवनपुत्र। मारुतिः (पुं०) [मरुतोऽपत्यम-इन्] ०हनुमान। ०भीम। मार्कडः (पुं०) एक ब्राह्मण ऋषि। मार्कण्डेयपुराणं (नपुं०) अष्टादश पुराणों में प्रसिद्ध एक
पुराण। (दयो० ३१) मार्ग (सक०) खोजना, ढूंढना, तलाश करना, अन्वेषण करना।
प्राप्त करने का प्रयत्न करना। मार्गः (पुं०) [मार्ग+घञ्] पथ, रास्ता, सड़क।
०पद्धति। (जयो०वृ० १३/७५) वर्त्म। (जयो०वृ० २/८)
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