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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मार्गणः ८३९ मार्तण्डतेजः क्रम। (सम्य०८२) मार्गसंभूतखेदः (पुं०) परिश्रम, थकान। परम्परा। मार्गिक (वि०) यात्री। राही, पथिक। 'सर्वेषामुपकाराय मार्गः साधारणे ह्यम्' (सुद० ४/४५) । मार्गित (भू०क०कृ०) [मार्ग+क्त] ०खोजा हुआ, अन्वेषित। शुद्ध, साफ-'मृजेः शुद्धिकर्मणो मार्ग इवार्थाभ्यन्तरी पूछा गया। करणात्' (त०वा० १/१) मार्गोपमार्गः (पुं०) वीथि, छोटा रास्ता। ०कल्याणमार्ग, मोक्षमार्ग, रत्नत्रयमार्ग। मार्गोपदेशिका (स्त्री०) मार्गदर्शिका। ०पथ सूचिका। मार्गणः (पुं०) बाण, सर। (जयो०वृ० १/९८) ०पद्धति प्रदत्ता। भिक्षुक। मार्गोपयोगिद्रव्यं (नपुं०) नास्ता, कलेवा। पथ की सहभागी मार्गणं (नपुं०) [मार्ग ल्युट्] याचना करना, निवेदन करना, | वस्तु। खोजना, तलाश करना। मार्जु (सक०) प्रमार्जन करना, निर्मल करना। ०गवेषणा करना, अन्वेषण करना। ०पोंछना, स्वच्छ करना। मार्जयेत् मार्गणशालिन् (वि०) बाण से सुशोभित। (जयो०व०१/९८) | मार्जः (पुं०) [मृज्+घञ्] स्वच्छ करना, साफ करना। ०मार्गणाओं से युक्त। (जयो०वृ० १/९८) मार्गणो बाणस्ताभ्यां ०धोना। शालिना, मार्गणास्थानानि च तैः कृत्वा शालिना शोभनेन ०प्रक्षालन, पखारना। (जयो०वृ० १/९८) ०धोबी। मार्गणा (स्त्री०) [मार्ग+ण+टाप] ००अंवेषण, प्रार्थना, | मार्जक (वि०) स्वच्छ करने वाला, साफ करने वाला, धोने गवेषण। वाला। ०सम्पादन, अनुनय, विनय। अवगतार्थाभिलाषे, तत्प्रार्थना मार्जनं (कि) स्वच्छ करने वाला, धोने वाला। मार्गणा' (जैन०ल० ९११) 'मार्गणा गवेषणमन्वेषणमित्यर्थः' मार्जन (नपुं०) [मा+ल्युट] प्रक्षालन, पखारना, साफ करना, (जैन०ल० ९११) धोना। ०बाण, सर। (वीरो० ३/८) उपटन लगाना, पोंछना। मार्गणास्थानं (नपुं०) चौदह मार्गणाओं का स्थान। (जयो०१/९८) ०प्रमार्जन करना। मार्गणौघः (पुं०) बाण पुञ्ज। (वीरो० ३/८) मार्गणानां मङ्कतानां मार्जारः (पुं०) बिलावा बिडाली। बिल्ली। ___बाणानां चौघः समूहो बाणपुञ्जः' (वीरो० ३/८) मार्जारकण्ठः (पुं०) मयूर, मोर। मार्गतोरणं (नपुं०) पथ तोरण, मार्ग सूचक द्वार। मार्जारकरणं (नपुं०) रतिबन्ध। मार्गदर्शकः (पुं०) पथप्रदर्शक। मार्जारकः (पुं०) बिलाव, मयूर। मार्गदूषणं (नपुं०) पथ कंटक। मार्जारी (स्त्री०) बिल्ली। मार्गधेनुः (स्त्री०) चार कोस की दूरी।। ०कस्तूरी। मार्गप्रदायकः (पुं०) पथ प्रदर्शक। (हित० २१) मार्जारीयः (पुं०) बिलाव। मार्गरक्षकः (पुं०) सड़क का रखवाला। ०मयूर। मार्गरतिः (स्त्री०) मार्ग पद्धति। (सुद० १२१) मार्जित (भू०क०कृ०) स्वच्छ किया हुआ, प्रमार्जित, मृष्ठ। मार्गरुचिः (स्त्री०) सम्यक् मार्ग पर श्रद्धा। (जयो० १०/२८) मार्गभावना (स्त्री०) जीवन निर्वाह की इच्छा। (जयो० २/९७) ०अलंकृत किया हुआ, सजाया हुआ। मार्गलः (पुं०) मार्ग, पथ, रास्ता। (जयो० ३/१०९) मार्तण्डः (पुं०) सूर्य, दिनकर। (दयो०५३) मार्गलक्षणः (पुं०) वर्त्मस्वरूप। ०पथ प्रतिपादन। ०मदार पादप। मार्गशिरः (पुं०) ०पथ विभाजन, ०मग सिरमास। ०सूअर। मार्गशीर्षः (पुं०) मगसिरमास। (वीरो० १०/२६) ०बारह की संख्या। मार्गशोधक (वि०) पथप्रदर्शक, प्रशस्तमार्ग दर्शक। मार्तण्डतेजः (पुं०) सूर्यतेज, रवि प्रकाश। (वीरो० १२/१०) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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