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बालसूर्यः
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बाहा
बालसूर्यः (पुं०) वैडूर्यमणि। बालस्वभाव (वि.) केशत्व। (जयो० ५/८९) बालस्वभावा (स्त्री०) चपला, चंचला स्त्री। गौरी। (जयो०वृ०
१२/९) बालहठः (पुं०) शिशुहठ। (सुद० ३/२५) अनुभाविमुनित्वसूत्रले
प्रसरन् बालहठेन भूतले। तनुसौरभतोऽधाद्वरं
धरणेर्गन्धवतीत्वमप्यरम्।। (मुद० ३/२५) बाला (स्त्री०) बालिका। (जयो० ३/३९)
नववयस्था। (जयो० ५/३९) ०बाला-सुलोचना। (जयो० ३/४०) यौवनारम्भा। (जयो० ३/४३)
प्रथमा वर्णमाला। बालाग्रं (नपुं०) केशप्रान्त, केश की नोंक। भूयो बभाण बालां
बालाग्रमितोगदारकान्तिमवाक्। (जयो० ६/७८) बालाध्यापकः (पुं०) शिशु शिक्षक। बालापिनी (स्त्री०) नववधू, आह्वानवर्ती-आलापिनी बालिका।
(जयो० ६/३१) बालाभ्यासः (पुं०) बालपने में अध्ययन। बालारुणः (पुं०) ऊषाकाल, प्रभातकाल, अरुणोदय। बालार्कः (पुं०) अरुणोदय, प्रात:कालीन सूर्य। बालालोचनं (नपुं०) दीर्घदर्शी नेत्र। 'बलितया लोचनैर्नयनैर्विशाला'
बलितनेत्र। (जयो० १६/७७) बालिः (पुं०) [बल्+इन] एक वानराधिपति। बालिका (स्त्री०) [बाला+कन्+टाप्] बाला, लड़की।
(जयो०६/२६) (सुद० ९०) (वीरो० २१/१०) बालिका। कान की गोलाकार बाली। छोटी इलायची। रेत।
०पत्तों की सरसराहट। बालिन् (पुं०) एक वानर। बालिनी (स्त्री०) [बालिन्+ङीप्] अश्विनी नक्षत्र। बालिभुक् (वि०) विषयलम्पट।
विषयासक्त व्यक्ति। बालिमन् (पुं०) [बाला इमनिच्]०बचपन, बाल्यावस्था। बालिश (वि०) [वाडिंश्यति, बाडि+शो+ड]०अबोध, अज्ञानी।
मूढ़, मूर्ख, अनपढ़। ०अनजान, अनभिज्ञ, लापरवाह। बालिशः (पुं०) बुद्ध, मूर्ख, अज्ञानी। (सम्य० १४०)
०बालक, बच्चा, शिशु।
बालिश (नपुं०) उपधान, तकिया। बालिश्य (वि०) [बालिश+ष्यञ्] बचपना, लड़कपन।
मूर्खता, अज्ञानता। बाली (स्त्री०) [बालि+ङीप्] कान में गोलाकार कुण्डल। बालीशः (पुं०) मूत्रावरोध। बालुः (पुं०) ग्रंथ विशेष। बालेय (वि.) [बलि+ढञ्] मुदु, कोमल।
बलि देने योग्य। बालेयः (पुं०) गधा, गर्दन। बाल्यं (वि०) लड़कपन, बचपन, बालकपन। (जयो० ३/५९)
बाल्यकाल। (जयो० ११/३५) ०कौमार। (जयो० २३/२४) भद्रत्व। (जयो० ११/४२) केवलं बाल्यमेव-भद्रत्वमेव। सुकुमारता। (सुद० ११९) किमर्थमाचार इयान् विचार्य बाल्येऽपि लब्धस्त्वकया वदाऽऽर्य। (सुद० ११९) ०अपरिपक्वता, न समझ, अबोधता।
मूर्खता, मूढ़ता। बाल्यक्रीड़ा (स्त्री०) बचपन की लीला। महात्माऽनुबभूवेदं
बाल्यक्रीडासु तत्परः। (वीरो०८/१११) बाल्यत् (वि०) बचपना। (सुद० ३/३२) बाल्यभाञ्जि (वि.) केश रूपता।
बालरूपत्व-'ये बालका भवन्ति ते सूर्यस्योदये सत्येव
प्रवुद्धा भवन्तीत्यर्थः' (जयो०५/७१) बाल्हकः (पुं०) बाल्कृक राजा, बल्हि के रहने वाले। बाल्हिः (स्त्री०) एक देश का नाम। बाष्पः (पुं०) आंसू, अश्रु। ० कुहरा, ०भाप। बाष्यं (नपुं०) ०कुहरा, भाप। ०आंसू, ०अश्रु। ०लोहा। बाष्पकण्ठः (वि०) रुंधा हुआ गला, आंसुओं के कारण रुंध
गया कंठ, हर्ष से भरा हुआ कण्ठ। बाष्पदुर्दिनं (नपुं०) आंसुओं का प्रवाह, अश्रुधारा। बाष्पपूरः (पुं०) अश्रुबाढ, आंसुओं का फूट निकलना। बाष्पमोक्षः (पुं०) आंसू छोड़ना, अश्रुप्रवाह। बाष्पमोक्षनं (नपुं०) अश्रुधारा, आंसू बहाना। बाष्पमोचनं देखो ऊपर। बाष्पबिन्दु (पुं०) आंसू की बूंद। बास्त (वि०) [वस्त+अण] बकरे से उत्पन्न। बाहः (पुं०) भुजा, बाहु। बाहा (दे०) भुजा, बाहु।
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