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बार्हस्पत
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बालसुहृद्
बार्हस्पत (वि०) [बृहस्पति+अण्] बृहस्पति में संबंधित। बार्हिण (वि०) [बर्हिन्+अण्] मयूर से उत्पन्न। बाल (वि.) [बल+ण या-बाल्+अच्] बालक, शिशुता। (सुद० २/४८)
अनजान, अबोध, अज्ञानी। ०भोला (सुद० १२०) भोंदू। मूर्ख, असत् प्रवृत्ति वाला। (सम्य० ८४) नूतन, नवीन, वर्धमान। स्थूल असंयम से भी निवृत्त नहीं होने वाला।
०प्रथम। (जयो० ३/४९) बालः (पुं०) केश, काला हि बाला खलु खज्जलस्य रूपे स्वरूपे गतिमज्जलस्य। (जयो० ११/६९)
तरुण, युवा, वयस्क। बालक (वि०) बच्चों के समान, नन्हा, अवयस्क। बालकः (पुं०) शिशु, बच्चा। 'प्रयोग इह यः खलु बालकेन'
(सुद० ३/४६) 'पैत्रिकाङ्गलियुगेव बालको यथा चलति' (जयो० २/७१) 'बालकः परकरोपलेखकः' (जयो० २/१३) 'संलिखत्थ कुमार एककः' (जयो० २/१३) यथा प्रयतते
भूमौ गृहीतुं बालको विधुम्' (वीरो० १०/४) बाल-कदली (स्त्री०) केले का नया पौधा। बालकुदः (पुं०) नई चमेली। बालकुन्दं (नपुं०) नई चमेली। बालकृमिः (स्त्री०) जूं, लीख। बालक्रीडनं (नपुं०) शिशु रञ्जन, शिशुक्रीडक यन्त्र, खिलौना। बालक्रीडा (स्त्री०) शिशु लीला, बालकों की रोमांचकारी
क्रिया। बालखिल्यः (पुं०) एक दिव्यमूर्ति। बालगर्भिणी (स्त्री०) आदि में गर्भ धारण देने वाली। बालगोपालः (पुं०) तरुण ग्वाला, चपल ग्वाला। बालग्रहः (पुं०) बालकों को पीड़ा उत्पन्न करने वाला रोग,
बालरोग, बालकष्ट, शिशुपीड़ा। (सुद० ३/२८) बालचन्द्रः (पुं०) दूज का चांद। बालचरितं (नपुं०) बाल्य जीवन का वर्णन। बालज (वि०) बालों से उत्पन्न। बालतनयः (पुं०) खदिरवृक्ष, खैर, ही बेर वृक्षा (जयो० २१/३९) बालतन्त्रं (नपुं०) धात्रीकर्म। बालतपः (पुं०) मायाचार युक्त तप।
मिथ्यादर्शन युक्त।
०अज्ञानतापूर्ण तप। ०मोक्षसिद्धि में सहायक न होने वाला तप। 'बालोमूढः
इत्यनर्थान्तरम् तस्य तपो बालतपः। (त०भा०६/२०) बालतृणं (नपुं०) अंकुरित हुई दूब, नवीन घास, नूतन घास।
हरी घास। बालदलकः (पुं०) खैर। बालदेवराट् (पुं०) बाल जिनदेव। बालक जिन।
समानायुष्कदेवौघ-मध्येऽथो बालदेवराट्। कालक्षेपं चकारासौ रममाणो निजेच्छया।।
(वीरो० ८/१३) बालपण्डितमरणं (नपुं०) एकदेशव्रत वाले का मरण। बालपुष्टिका (स्त्री०) चमेली। बालपुष्पं (नपुं०) नूतन मञ्जरी, नवीन पुष्प। बालबालः (पुं०) मिथ्यादृष्टि।। बालबोधः (पुं०) बालक सम्बंधी ज्ञान। बाल-बोधिनी-टीका (स्त्री०) ग्रंथ पर लिखा गया सरल भाष्य। बालब्रह्मचारी (वि०) बालपने से ब्रह्मचर्य में रमण करने
वाला। (वीरो० ८/४०) बचपन से अन्त तक ब्रह्मचर्य व्रत
पालन करने वाला। बालभद्रकः (पुं०) एक विष विशेष। बालभारः (पुं०) बालों/केशों का भार। बालभावः (पुं०) चञ्चल भाव, शिशुत्व भाव। (जयो० १/६०)
०बचपन, बाल्यावस्था। बालभैषज्यं (नपुं०) एक अंजन। शिशु औषधि। बालमण्ड (वि०) अभद्र प्रसाधन। बालमरणं (नपुं०) असंयमी का मरण। 'बाला इवबालाः
अविरताः तेषां मरणं बालमरणम्' (जैन०ल० ८१९) बालराज (नपुं०) वैडूर्यमणि। नीलमणि। बाललता (स्त्री०) नूतन वल्ली। बालवत्सः (पुं०) नन्हा बछड़ा। बाल-वायजं (नपुं०) वैडूर्यमणि। नीत्कम। बालवायस् (नपुं०) ऊनी वस्त्र। बालविधवा (स्त्री०) बाल्यावस्था में पति की मृत्यु वाली नारी। बालसखि (स्त्री०) बचपन का मित्र। बालसंध्या (स्त्री०) अस्ताचल का आभास। बालसत्त्व (वि०) बालकपन, बचपना, बालस्वभावता।
(वीरो०१/७) बालसुहृद् (पुं०) बचपन का मित्र।
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