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बाणघातः
बाणघातः (पुं०) बाण प्रहार ।
बाणततिः (स्त्री०) बाणावलि, तीरसमूह | बाणतूण (पुं०) तरकस ।
बाणधिः (स्त्री०) तरकस ।
बाणपन्थः (पुं०) बाण का परास । बाणपाणि (स्त्री०) बाणों से सुसज्जित हस्त । बाणपातः (पुं०) तीर प्रहार |
बाणपातिः (स्त्री०) शर घात
बाणमुक्तिः (स्त्री०) बाण छोड़ना, तीर फेंकना, तीर बरसाना ।
बाणमोचनं (नपुं०) तीर बरसाना ।
बाणयोजनं (नपुं०) तरकस ।
बाणवृष्टिः (स्त्री०) बाणों की बौछार, तीरवृष्टि ।
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बाण - संहतिः (स्त्री०) बाण समूह ।
वाणसुता (स्त्री०) बाण की पुत्री।
बाणिनी (स्त्री०) नर्तकी, नृत्यांगना, अभिनेत्री । बाणोदित (वि०) बाणों का निशाना (जयो० १४/३१) बादरः (पुं०) ०स्थूल पर्याय, जो छिन्न होकर स्वयं जुड़ने में
समर्थ |
० मिटाना, ध्वस्त करना ।
०
हटाना, पीछे धकेलना।
बाध: (पुं०) पीड़ा, कष्ट, दुःख
० यातना, संताप | व्हानि, क्षति, घाटा
'बादर शब्दः स्थूलपर्याय:' ( धव० १/२४९) बादरं (नपुं०) ०बोर, बेर।
० रेशम, ०जल, रुई ।
बादर (वि०) बेर से प्राप्त, बोर से सम्बद्ध। बादरिक (वि० ) [ बदर + ठञ् ] बेर एकत्रित करने वाला । बाध् (सक०) सताना, उत्पीड़न करना, कष्ट देना।
० रोकना, अवरोध करना, हस्तक्षेप करना, निष्फल करना । ० आक्रमण करना, धावा बोलना।
० भय, खतरा, डर। ० आपत्ति, विरोध
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० प्रत्याख्यान, निराकरण।
० स्थगन, रद्द करना । बाधक (वि० ) [ बाध् + ण्वुल् ] ०उत्पीडन, परेशान करने वाला।
० अवरोधक, ० अन्तराय करने वाला ।
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०उत्पीडक, उन्मूलन।
o विघ्न उपस्थित करने वाला (भक्ति० ३१ ) बाधनं (नपुं०) उन्मूलन, उत्पीडन, परेशान करना, अशान्ति, बाधा, पीड़ा।
बाधना ( स्त्री०) पीड़ा, कष्ट, दुःख, अशान्ति, चिन्ता, व्यवधान । ( भक्ति० ३४)
बाधा (स्त्री०) सङ्कोच (जयो० ५/७ ) तत्तदङ्गिसमुपाङ्गि बाधा' ० पीड़ा, कष्ट, दुःख, अशान्ति ।
• विघ्न। (सुद०२/२३) ०उत्पीडन (सुद० १०९)
० अवरोध, विरोध (भक्ति० २२)
बाधाकारक (वि०) व्यथाकार, दुःख उत्पन्न करने वाले । (जयो०वृ० २/६२)
० अहितार्थ (जयो० २७/२२)
बाधागत (वि०) दुःख को प्राप्त हुआ। बाघाघात (वि०) सहनशील।
बालारहित (वि०) व्यधान रहित ( भक्ति० ३४) बाधासहित (वि०) कष्ट युक्त । (जयो० २६ / ९६) बाधित (भू०क०कु० ) [ बाध्+क्त] उत्पीडित, संतप्त,
कष्टजन्य ।
० परेशान।
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० निराकृत, स्थगित |
० असंगत, विवादग्रस्त ।
बाध (नपुं० ) [ बधिर + ष्यज्] बहरापन। बान्धकिनेयः (पुं०) दोगला, चुगलखोर
बार्ह
बांधव (पुं० ) [ बन्धु+अण्] ०स्वजन, मित्रजन, कुटुम्बिजन । ० भाई, सम्बंधी, रिश्तेदार ।
बान्धवजन: (पुं०) कुटुम्बिजन । बान्धव्यं (नपुं० [वान्धवष्यञ्] बन्धुता बन्धभाव (जयो०
३/७०) रिश्तेदारी, सम्बंधीपना।
वापी (स्त्री०) वापिका (सुद० १०१ ) बाभ्रवी (स्त्री० ) [ वभ्र + अण् + ङीप् ] ०दुर्गा |
बाराधार: (पुं०) जल की धार (सुद० ७१) बारुणी (स्त्री०) पश्चिम दिशा ।
० मदिरा (जयो० वृ० १८ / ३२, ३३) बार्बीर (पुं०) आम का गूदा
नया अंगुर ।
बार्ह (वि० ) [ बर्ह+अण्] मोर की पूंछ से निर्मित |
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