________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्राचण्ड्यं
७३४
प्राण:
०पूर्वदिशा सम्बंधी, पूर्व का।
प्राजनः (पुं०) [प्र+अ+ल्युट्] ०हंटर, चाबुक, अंकुश। ०प्राथमिक, पहला, पूर्वकाल का।
प्राजनं (नपुं०) देखो ऊपर। पूर्व देशवासी।
प्राजापत्य (वि०) [प्रजापति+यक्] प्रजापति से सम्बन्ध रखने प्राचण्ड्यं (नपुं०) [प्रचण्ड+ष्यञ्] उत्कृष्टता, उग्रता, वाला। भीषणता।
प्राजापत्यं (नपुं०) सर्जनात्मकशक्ति, प्रबलशक्ति। विशालदृष्टि, विकराल दृष्टि, क्रूरदृष्टि।
प्राब्जापत्या (वि०) संयत अवस्था से पूर्व धनादि का त्याग। प्राचिका (स्त्री०) [प्र+अञ्+क्कुन+टाप्] एक जंगली मक्खी, |
प्राजिकः (पुं०) [प्र.अज्+ठञ्] बाज, श्येन, पक्षी। डांस मच्छर।
प्राजित (पुं०) [प्र+अज्+तृच्] सारथि, चालक, वाहका प्राची (स्त्री०) [प्र+अञ्च+क्विन्+ङीप्] ०पूर्व दिशा। (जयो०७०
प्राजिन् (पुं०) [प्र+ऊ+णिनि] सारथि, चालक, वाहक। १७/१२१)
प्राजेशं (नपुं०) [प्रजेशो देवताऽस्य प्रजेश+अण्] रोहिणी प्राचीन (वि०) [प्राच्+ख] पहला, पूर्वकाल का
नक्षत्र। ०पूर्वोक्त।
प्राज्ञ (वि०) [प्र+ज्ञा+क] प्रकर्षण जानाति इति। बुद्धिमान, ___०पुरातन, पुराना। (भक्ति० ३)
मेधावी, ज्ञानी, ज्ञानवान्, जानकार। प्राचीनः (पुं०) दीवार, बाड़, घेरा।
०चतुर, निपुण, निष्णात। प्राचीनं (नपुं०) दीवार, प्राकार, ०परकोटा, घेरा बाड़।
प्राज्ञः (पुं०) निपुण व्यक्ति। प्राचीनकल्पः (पुं०) पहला कल्प।
प्राज्ञा (स्त्री०) प्रज्ञा, बुद्धि, अनुप्रेक्षा। प्राचीनकाल (पुं०) पुराना समय। (जयो० १/२)
०समझ, चतुर, ज्ञान। प्राचीनगाथा (स्त्री०) पुरानी कहानी।
प्राज्ञी (स्त्री०) प्रज्ञाशीला, विदुषी नारी। प्राचीनता (वि०) पुराण भावपना, प्राच्यादिशा/पूर्व दिशा सम्बंधी।
प्राव (वि०) [प्र+अज्+ण्यत्]०चतुर, पर्याप्त, बहुल। (जयो० १५/१८)
अधिक, व्यापक, विस्तृत। प्राचीनतिलकः (पुं०) चंद्रमा, शशि। प्राचीनपनसः (पुं०) बेलतरु, बिल्ववृक्ष।
वृहत, विशाल। प्राचीनबर्हिस् (पुं०) इन्द्र।
प्राञ्जल (वि०) [प्र+अ+अलच्] निश्छल, खरा, स्पष्टवादी। प्राचीनमतं (नपुं०) पुरानी परम्परा, पुरा सम्मति।
०समीचीन, यथेष्ट, निष्कपट। प्राचीपतिः (पुं०) इन्द्र।
प्राञ्जलि (वि०) [प्रबुद्धा अञ्जलिर्येन] विनम्रता भावपूर्ण प्राचीमूलं (नपुं०) पूर्वी क्षितिजा
अञ्जलि। प्राचीरं (नपुं०) [प्र+आ+चि कन्] ०घेरा, बाड़, दीवार, परिधि।
विनीत हस्तपुट। प्राचुर्यं (नपुं०) [प्रचुर+ष्यञ्] बहुतायत, पर्याप्तता, बहुलता,
प्राञ्जलिक (वि०) [प्राञ्जलि+कन्] विनीत हस्तपुट वाला। अधिकता। (जयो० ६/४६)
प्राञ्जलिन् (वि.) [प्राञ्जलि+इनि] विनीत हस्तपुट। प्राचेतसः (पुं०) [प्रचेतसः अपत्यम्, प्रचेतस्+अण] नाम विशेष। प्राणः (पुं०) [प्र+अन्+अच्+घञ् वा] ०जीवनशक्ति, चेतना, प्राच्य (पुं०) [प्राचि+भव: यत्] सामने स्थित, पूर्व दिशा में
चैतन्यभाव। रहने वाला।
०जीवन, प्राणतत्त्व। (जयो० १/७) प्राथमिक, पूर्ववर्ती, पहला।
असु-इयमभ्यधिका ममास्त्यसुभ्यास्तुलनीयापि न साम्प्रतं। प्राचीन, पुरातन, पुरा, पुराना।
(जयो० १२/२२) प्राच्यक (वि०) [प्राच्य+कन्] पूर्वी, पूर्वाभिमुख।
०जीव, आत्मा। प्राच्यभाषा (स्त्री०) पूर्वी बोली, पुरातन भाषा।
ऊर्जा, बल, सामर्थ्य। प्राछ् (वि०) [प्रच्छ+क्विप्] पूछने वाला, प्रश्न करने वाला। वायु विशेष, प्राण, अपान, समान। प्राजकः (पुं०) [प्र+अज्+णिच्+ण्वुल] सारथि, यानचालक, ज्ञानेन्द्रिय। श्वसनवायव, श्वासोच्छवास। (जयो० १९/१३) वाहन, वाहका
स्फूर्ति। (दयो० २/५)
For Private and Personal Use Only