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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रसरणं ७२६ प्रसादनं ०प्रगमन करना। प्रसव्य (वि.) [प्रगतं सव्यात्] प्रतिकूल, व्युत्क्रान्त, बायां, उल्टा। प्रसार, विस्तार, फैलाव। प्रसह (वि०) [प्र. सह+अच्] सहनशील, सहिष्णु कष्ट उठाने ०आयाम, बृहद्मात्रा। वाला। ०प्रचलन, प्रभाव। प्रसहः (पुं०) शिकारी जानवर, पक्षी। ०सरिता, प्रवाह धारा, बाढ़, प्रपात। सहनशील, विरोध। ०समूह, समुच्चय, समुदाय। प्रसहनं (नपुं०) [प्र+सह ल्युट्] सामना करना,। ०युद्ध, लड़ाई। विजय प्राप्त करना। ०लोहे की बाण। आलिंगन, परिरम्भण। विनम्रभाव। प्रसहनः (पुं०) [प्र+सह+घञ्] शिकारी जानवर या पक्षी। प्रसरणं (नपुं०) [प्र+सृ+ल्युट्] विस्तार, फैलाव, प्रसार। | प्रसह्य (अव्य०) [प्र+सह+ल्यप] बलपूर्वक, प्रचण्डता के साथ। ०प्रगमन, दौड़ना, बहना, शत्रु को घेरना। ०अत्यधिक, अत्यन्त। प्रसरणशील (वि०) विस्तार युक्त, पल्लविता (जयो०वृ० १/९१) प्रसातिका (स्त्री०) [प्रगता साति-सो+क्तिन्] एक प्रकार का प्रवाह युक्त। विनम्र भाव सहित। धान्य विशेष। प्रसरणिः (स्त्री०) [प्र+सृ+अनि] शत्रु को घेर लेना। प्रसादः (पुं०) [प्रसिद्+घञ्] कृपा, अनुग्रह, दाक्षिण्य, प्रसरत्प्रभामण्डल (वि०) फैली हुई प्रभा। (जयो० १/८४) धीरता, शान्ति, सौम्यता, गांभीर्य। प्रसर्पणं (नपुं०) [प्र+सृप ल्युट्] चलना, सरकना, आगे बढ़ना। उत्तेजना का अभाव, शांत, प्रसत्ति। (जयो०वृ० ३/१०६) ०व्याप्त करना, सब ओर फैलना। पुरस्कार, भेंट, उपहार। प्रसर्पति (वर्त०) उत्सुक रहता है (वीरो० ८/३२) ०अनुशासन। (जयो०वृ० १/६७) प्रसलः (पुं०) [प्र+सल्+अच्] हेमंत ऋतु। ०चढ़ावा, भोग। प्रसवः (पुं०) [प्र.सू+अप्] जनन, प्रसूति, जन्म देना, उत्पादन, कुशल, क्षेम, सौभाग्य। (वीरो० २/३१) जन्म। स्वच्छता, निर्मलता, उज्ज्वलता, पारदर्शिता। बच्चे का जन्म, गर्भ मोचन। प्रसाद गुण। संतान, प्रजा, शिशु। प्रासाद। (सुद०७८) स्रोत, मूल, जन्मस्थान। मंगल, कल्याण-'मङ्गललोकोत्तरमशरण्यानां प्रसाद इवा फूल, मञ्जरी। भवत्। (जयो० १२/७२) प्रसवकः (पुं०) [प्रसवेन पुष्पादिना कायति शोभते-प्रसव+ दृष्टिदान (जयो० १०/११६) 'अभवदपि परस्परप्रसादः कै+क] पियाल वृक्ष, चिरौंजी का पेड़, चारोली तरु। पुनरुभयोरिह तोष-पोषवादः। (जयो० १०/११६) प्रसवनं (नपुं०) [प्र+सू+ल्युट] पैदा करना, बच्चे को जन्म | प्रसादक (वि.) [प्रसिद्+णिच्+ण्वुल] कृपा करने वाला, देना। प्रसूति स्थान। अनुग्रह करने वाला। ऊपजाऊपन, उपज युक्त स्थान। पवित्र करने वाला, स्वच्छ करने वाला। प्रसवन्तिः (स्त्री०) [प्र+सू+भिच्] जच्चा स्त्री। आनन्दित करने वाला, हर्ष उत्पन्न करने वाला। प्रसवन्ती (स्त्री०) [प्र+सू+शतृ ङीप्] जच्चा स्त्री। प्रसन्न करने वाला। प्रसवपीडा (स्त्री०) संतानोत्पत्ति का कष्ट। (दयो० ५४) सान्त्वना देने वाला, धैर्य बंधाने वाला। प्रसवबंधनं (नपुं०) उत्पत्ति का बन्ध, सृजन का ग्रहण! | प्रसादकारिणी (वि०) रुचिरा। (जयो०७० ३/३७) (जयोवृ० १४/२२) प्रसाददायक (वि०) प्रसत्तिप्रद, प्रसन्न करने वाला। (वीरो० प्रसवितृ (वि०) [प्र+सू+तु] जनक, पिता। ५/३६) प्रसवित्रा (स्त्री०) [प्रसवितृ + ङीप्] भाता, जननी। प्रसादनं (वि०) [प्र+सद् णिच+ल्युट] निर्मल करना, पवित्र (जयो०१० ३/९) करना, शांत करना। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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