SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 302
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्ररूढिः ७१७ प्रलेपक उत्पन्न, उद्भूत, पैदा हुआ। प्रलम्बित (वि०) [प्र+लम्ब्+क्त] लटकनशील, लटकने वाला। ०बड़ा हुआ, गहराई में गया हुआ। प्रलम्बितकर (वि०) लटकता हुआ हाथ। (सुद० ९८) प्ररूढिः (स्त्री०) निरूपण, कथन परीक्षा, घोष, आदेश की प्रलम्भः (पुं०) [प्र+लभ+घञ्] प्राप्त करना, लाभ उठाना। अपेक्षा। गुणस्थान, जीवसमास आदि का कथन। ०अवाप्ति। प्ररूपणा कारिणी (वि०) यशोनिरूणीय। (जयो०वृ० १३/६१) धोखा देना, छलना, ठगना, प्रवञ्चना। प्ररोचन (नपुं०) [प्र+रुच्+णिच+ल्युट] उत्तेजना, उद्दीपन, प्रलयः (पुं०) [प्र+ली+अच्] विनाश, संहार, विघटन, विध्वंस। निदर्शन, व्याख्या। प्रणासन। (जयो० १२/१०२) प्रतिस्थापना, बतलाना। मृत्यु, मरण, छन्न संकेत करना, सूचना देना। मूर्छा, बेहोशी, चेतना शून्य। कालान्त। (जयो० ७/५९) प्ररोहः (पुं०) [प्रारुह्+घञ्] अंकुरित होना, निकलना, बढ़ना। रहस्य ध्वनि। उगना। प्रलयकालः (पुं०) विनाश का समय। अंकुर, अंखुवा। प्रलयज (वि०) कल्पांत जात। चेतना शून्य युक्त, मरणासन्न। किसलय, पल्लव, कोंपला (जयो० ७/७४) ०शाखा, टहनी, नवांकुर। प्रलयजलधरः (पुं०) विश्व विनाश। सम्पूर्ण संसार, मरणासन्न। प्ररोहणं (नपुं०) [प्र+रुह ल्युट्] ०वर्धन, अंकुरण, स्फुटन। प्रलयपयोधिः (पुं०) प्रलय रूपी समुद्र। नीरधि विध्वंस, किसलय, पल्लव, कोंपल। सुनामी आपदा। समुद्री उत्पात। ०टहनी, स्फुटन। प्रललाट (वि०) उन्नत ललाट युक्त। ०कर्माण प्ररोहन्ति अस्मिन्निति प्ररोहणम्। (जैन०ल०७७७) प्रलवः (पुं०) [प्र+ल्+अप्] टुकड़ा, खण्ड, अंश। प्रलप (अक०) कहना, बात करना। निरूपण करना। प्रलवित्रं (नपुं०) [प्र+ल्+इत्र] कर्तन का उपकरण। प्रलाप करना। प्रलपनं (नपुं०) [प्र+लभ+ ल्युट्] ०प्रलाप, संलाप, वार्तालाप। प्रलापः (पुं०) [प्र+लप्+घञ्] ०बात, वार्तालाप, कथन। ०असंभाषण, बकवास। कलकल शब्द। (जयो० १८/१९) वकझक (जयो० विलाप, रुदन। १८/१९) प्रलपित (भू०क०कृ०) [प्र+लप्+क्त] प्रलाप किया हुआ, ०वाचालता, असंबद्ध प्रताप। कथित कहा गया। निरूपित, ०अभिव्यक्त। विलाप, रुदन। विप्रलापनी। (जयो० १३/५२) प्रलब्ध (भू०क०कृ०) [प्र+लभ्+क्त] ०धोखा दिया हुआ, प्रलापिन (वि०) [प्र+लप्+णिनि] ठगा हुआ। ०बातूनी, अधिक बालेने वाला। प्रलम्ब (वि०) [प्र+लंब्+अच्] लटकने वाला, लटकाहुआ। मुसदी, बकवासी। (जयो० १८/१९) नीचे की ओर लटके हए। ०वाचालता। उन्नत। प्रलापिनी (वि०) प्रलाप करने वाली। (जयो० १३/५२) मन्थर, बिलम्बकारी। प्रलीन (वि०) विनष्ट, विनाश। प्रलम्बः (पुं०) ०लटकता हुआ, आश्रित। कण्ठहार। ०हत, नष्ट, लुप्त, तत्पर। (जयो० १/६७) एक प्रकार का हार। घुला हुआ, पिघला हुआ। जस्ता, सीसा। प्रलीप् (अक०) नष्ट होना-प्रलीयेत्। (सम्य० १) ०एक राक्षस। प्रलुण्ठत (वि०) वेल्लत, घूमते हुए। (जयो०वृ० १८/९१) प्रलम्बनं (नपुं०) [प्र+लम्ब्+ ल्युट्] लटकना, झुकरना, आश्रित | प्रलुप्त (वि०) छन्न, नष्ट। (जयो० ११/४९) ०अभाव। होना। आलम्बन, आधार। प्रलेपः (पुं०) [प्र+लिप्+घञ्] ०लेप, मल्हम, चोपड़। प्रलम्बमथनः (पुं०) बलराम। ०बलदेव। प्रलेपक (वि०) [प्र+लिप्+ण्वुल्] मलने वाला, लेप करने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy