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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रयच्छनं ७१५ प्रयुक्त •मुग्ध हो गया, आसक्त हो गया। उद्विग्न, आकुलित। प्रयच्छनं (नपुं०) दान, उपहार, भेंट। (जयो० २/१०६) प्रयत (भू०क०कृ०) [प्र+यम्+क्त] •संयमित, जितेन्द्रिय, यम युक्त। (वीरो०८/४५) आत्मसंयमी। उत्साहित, उल्लसित, हर्षित। प्रयतेत (विधि) प्रयत्न करता रहे। इष्टे प्रमेये प्रयतेत विद्वान् विधेर्मनः सम्प्रति को नु विद्वान्। (जयो० ३/८५) प्रयत्नवान् (वि०) प्रयत्नशील। (सम्य० १२६) प्रयत्नः (पुं०) [प्रयत्+नङ] उद्यम, प्रयास, चेष्टा, उद्योग। श्रम। (जयो०वृ० ३/८१) उच्चारण स्थान। ०प्रदेशों का हलन-चलन। (सम्य० १२६) ०पदार्थ के प्रति चित्त देना। ०कार्य में मन लगाना। 'प्रयत्नः परनिमित्तको भावः' परार्थेऽन्यकृते यो भावश्चित्तं मयास्यैतदवश्यं करणीयमिति स प्रयत्नः। (जैन०ल० ७७५) परस्य करणीये यश्चित्तं निश्चित्य धार्यते। प्रयत्न स विज्ञेयो गर्गस्ये वचनं यथा। प्रयत्नपूर्वक (वि०) उद्यम युक्त। (हित०६) प्रयत्नी (वि०) प्रयत्नशाला। (जयो०८/६९) प्रयत्नशील (वि०) प्रयत्न करने वाला। (वीरो०६/२) प्रयत्नीवित (वि०) प्रयत्नशीला (वीरो०६८) प्रयय (अक०) चलना, गमन करना। (जयो० ३/१००) प्रयस्त (भू०क०कृ०) [प्र+यस्+क्त] अभ्यस्त, सिखाया हुआ। स्वादिष्ट किया हुआ। प्रया (अक०) पिघलना, विगलित होना, प्रयत्नशील। (जयो० २२/८६) प्रयागः (पुं०) [प्रकृष्टो यागफलं यत्र] गंगा-जमुना का संगम। संगमतीर्थ-इलाहाबाद के पास गंगा-यमुना का मिलन स्थान। (जयो० ६/१०. तीर्थदेश स्थान। (जयो० ६/४३) 'परः परागः प्रकृतः प्रयागः (जयो० २७/४१) सुभरास्तयोः प्रयागे सुखाशया सन्निमज्जन्ति। (जयो० ६/४३) ०इन्द्र, व्यज्ञ, अश्व, घोटक, घोड़ा। प्रयागस्तीर्थ भेदेस्याता घज्ञेवाहे विडोजसि इति । प्रयाचनं (नपुं०) [प्र+याच्+ ल्युट्] ०मांगना, प्रार्थना करना। ०अनुरोध करना, निवेदन करना। अनुनय करना। प्रयाजः (पु०) [प्र+य+घञ्] यज्ञ सम्बंधी अनुष्ठान। प्रयाणं (नपुं०) [प्र+या+ल्युट्] ०प्रस्थान करना, गमन करना। (जयोवृ० ५/५३) विदा, अन्यत्र जाना। अभियान, मात्रा। (जयो०८/७०) ० प्रगति, अग्रगमन, निधान, प्रस्थान, विनिर्गमन। (जयो०१३/४) सत् पथ की ओर गमन। आक्रमण, चढ़ाई। आरम्भ, शुरू। प्रयाणकं (नपुं०) [प्रयाण+कन्] यात्रा, प्रस्थान, गमन। प्रमाणभंगः (पुं०) चलते-चलते ठहरना, यात्रा विराम, प्रस्थान में गतिरोध। प्रयाणवादित्रं (नपुं०) दिग्विजय के प्रस्थान का वाद्य, प्रगतिसूचक __ वाद्य। (जयो० १/१९) प्रयाणवेला (स्त्री०) दिग्विजय अभियान, दिग्विजयसमय। (जयो० १६/२) प्रयाणसमयः (स्त्री०) निर्गमक्षण, प्रयाणबेला। (जयो०वृ०२१/४) प्रयात (भू०क०कृ) [प्र+या+क्त] ०आगे बढ़ा हुआ, गया हुआ। (समु० ३/८) गतानुगत्या कतिचित् प्रयाता (वीरो० १८/१७) विसर्जिता ०मृतक, मरा हुआ। प्रयातः (पुं०) आक्रमण, प्रहार। ०चट्टान, चेष्टा। (वीरो० ४/१७) प्रयापित (भू०क०कृ०) [प्र+या+णिच्+क्त] •आगे पहुंचा हुआ, भेजा हुआ। भगाया हुआ। प्रयामः (पुं०) [प्रायम्+घञ्] ०अभाव, रहित, शून्य, रिक्त। मंहगाई। रोकथाम, नियंत्रण। लम्बाई। प्रयासः (पुं०) [प्र+यस्+घञ्] प्रयत्न, चेष्टा, उद्योग। (जयो० ११/८४) उद्यम, श्रम, परिश्रम। (जयो० ११/४५) अस्मत्प्रयासस्त दुपार्जनाय। (समु० १/२७) प्रयुक्त (भू०क०कृ०) [प्र+युज्+क्त] ०प्रयोग में लाया हुआ, नियत किया गया, मनोनीत। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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