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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रतीलित ७१४ प्रमोहित प्रतीलित (वि०भू०क०कृ०) [प्र+मोल+क्त] उन्मीलित, | प्रमेय (वि०) [प्र+मा+यत्] मापे जाने योग्य, प्रमाणित करने उदासीनता युक्त आंखे, निद्रा से युक्त, आलस्यपूर्ण योग्य, सिद्ध करने योग्य। आंखें। निश्चित। प्रमुक्त (भू०क०कृ०) [प्र+मुच्+क्त] ०छूटा हुआ, मुक्ति को प्रमेयता (वि०) सिद्ध करने योग्य। प्रमाणित करने योग्य। प्राप्त हुआ। तदा प्रमुक्त एवेति श्रोतमेतद्वचोऽमृतम्। प्रमेयत्व (वि०) प्रमाणित करने योग्य, सिद्ध करने योग्य। (हित० ५९) (जयो०वृ० २६/९८) ०फेंका हुआ, डाला गया। प्रमेयकमलमार्तण्डं (नपुं०) आचार्य प्रभाचन्द्र कृत प्रसिद्ध ०स्वतंत्र हुआ, पराधीनता से छूटा हुआ। न्यायशास्त्र। (वीरो० १९/४४) विरक्त, मुमुक्षु, विरागी। प्रमेयताविरहित (वि०) सिद्धि से रहित, निश्चितता से रहित। प्रमुक्तकष्ठं (अव्य०) फूटफूटकर। स्वतन्त्र होकर। प्रमेहः (पुं०) [प्र+मिह+घञ्] मूत्र रोग, धातुक्षीणता, मधुमेह, प्रमुक्तिः (स्त्री०) मुक्ति, निर्वाण, मोक्ष। प्रमुक्तये सारतयाभ्युदारं मूत्र के साथ धातु/शर्करा क्षय होने वाला रोग। चरन्ति चाचारमिषुप्रकारम्। (भक्ति० १०) प्रमोक्षः (पुं०) [प्र+मोक्ष्+घञ्] गिराना, छड़ाना, छोड़ना, प्रमुख (वि०) मुख्य, प्रधान, अग्रणी, प्रथम। त्यागना, परित्याग करना। प्रभृति, आदि। (जयो० १/३८) मुक्त करना, स्वतंत्र करना। ०बंध का वियोग करना। बंध विओगो पमोक्खो दु। प्रमुखं (नपुं०) अध्याय, पाठ, अंश, मुखभाग। प्रमुग्ध (वि०) [प्र+मुह्+क्त] ०मूर्छित, अचेत। प्रमोक्षोपसंग्रही (वि०) पवन के छोड़ने योग्य रेचक क्रिया की मोहासक्त, वाञ्छाशील, इच्छायुक्त। इच्छा करने वाला मोक्षज्ञ। (जयो० २८/५९) प्रमोचनं (नपुं०) [प्र+मुच्+ल्युट] छोड़ना, परित्याग करना, प्रमुच् (सक०) छोड़ना, अलग रहना। प्रमुमोच (जयो० १२/१३) मुक्त करना। प्रमुद् (स्त्री०) [प्र+मुद्+क्विप्] प्रमोद, आनन्द, हर्ष, खुशी। उगलना, गिराना। प्रमुदित (भू०क०कृ०) [प्र+मुद्+क्त] हर्षित, उल्लसित, प्रमोदः (पुं०) [प्र+मुद्+घञ्] आनन्द, हर्ष, खुशी, उल्लास कामोल्लसित, विकसित। वाहनैः प्रमुदितैस्ततमेतत् कं निशासु प्रसन्नता। कुमुदैः समवेतस्। (जयो० ४/६३) आह्लादित, प्रसन्न, आनन्दित। प्रमोदनं (नपुं०) [प्र+मुद्+णिच् ल्युट्] आह्लादित करना, आनंदित प्रमुषित (भू०क०कृ०) [प्र+मुष्+क्त] अपहृत, चुराया गया, करना। हरण किया गया, छीना गया। प्रसन्न करना। प्रमुषिता (स्त्री०) एक पहेलिका विशेष। प्रमोदभावना (स्त्री०) व्रती जनों को देखकर खुश होना, प्रमूढ (भू०क०कृ०) [प्र+मुहक्त] विस्मित, उद्विग्न, व्याकुल। वृद्धिगत गुणों से हर्षित होना। ०संमूढ, मूढ, मूर्ख। तपः श्रुत-यमोधुक्तः चेतसां ज्ञानचक्षुषाम्। ०जड़, बुद्धि। विजिताक्ष-कषायाणां स्वतत्त्वाभ्यासशालिनाम्।। प्रमुष्ट (भू०क०कृ०) रगड़ा गया, मिटा दिया। प्रमोदित (भू०क०कृ०) [प्र+मुद्-णिच्+क्त] हर्षित, आनन्दित, प्रमेयं (नपुं०) प्रमाण का विषयभूत पदार्थ। 'प्रमाणेन परिच्छेद्यं । पसन्नचित्ता प्रमेयं प्रणिगद्यते' (जयो० २६/९८) (जैन०ल० ७७४) प्रमोदिन् (वि०) हर्षित होने वाला। अभीष्ट वस्तु (जयो० ३/८५) 'प्रमेयेऽभीष्टवस्तुनि विद्वान् । प्रमोदी (वि०) हर्ष सम्पन्न व्यक्ति। (जयो० २४/७९) विवेकशाली।' (जयो०वृ० ३/८५) प्रमोहः (पुं०) [प्र+मुह घञ्] ०मूर्छा, बेहोशी, जड़ता। निश्चित ज्ञान की वस्तु। मूर्छाभाव, मोहभाव, आसक्ति। प्रदर्शित, उपसंहार, साध्य। ०आकुलता, व्याकुलता। सिद्ध करने योग्य वस्तु। प्रमोहित (भू.क.कृ०) [प्र+मुह+णिच्+क्त] ०मूर्छित, जो विषय प्रमाणित किया जाए। आसक्ति जन्य। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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